केंद्र में कर्पूरी फार्मूला लागू करने के लिए रोहिणी आयोग का गठन बड़ी पहल- सुमो
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की आरक्षण नीति में पिछड़ा- अतिपिछड़ा वर्गीकरण लागू करने के लिए रोहिणी आयोग का गठन किया। सभी दल इस वर्गीकरण के लिए मांग करते रहे, लेकिन आयोग बनाने की ठोस पहल पीएम मोदी ने ही की।
परिवारवादी राजद ने कर्पूरी ठाकुर के विचारों से दूरी बनायी और पार्टी के पोस्टर से भी उनकी तस्वीर हटा दी, जबकि भाजपा कर्पूरी फार्मूले का दायरा केंद्र सरकार तक बढाने में लगी है।
सुमो ने अन्य ट्वीट में कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने तत्कालीन जनसंघ के समर्थन से पिछडों को 26 फीसद आरक्षण दिया था। बिहार के उस आरक्षण फार्मूले में पिछडे-अतिपिछडे का वर्गीकरण किया गया, लेकिन दस साल तक यूपीए सरकार का समर्थन करने वाले लालू प्रसाद केंद्र की आरक्षण नीति में कर्पूरी फार्मूला लागू नहीं करा पाये।
अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद 1990 में सामाजिक न्याय की दुहाई देकर मुख्यमंत्री बने, लेकिन अपने शासनकाल के दौरान पिछडों- अतिपिछड़ों को आरक्षण दिये बिना पंचायत चुनाव करा कर उन्होंने सामाजिक न्याय का ही गला घोंटा। जब 2005 में भाजपा-जदयू की सरकार आयी, तभी पहली बार पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू किया गया।