पटना : भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने विपक्षी दलों द्वारा प्रस्तावित मानव शृंखला को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि नकल के लिए भी अकल की जरूरत होती है। लेकिन, राज्य के एक बड़े क्षेत्रीय दल के नेताओं का दिमाग भी ‘लालटेन’ की रोशनी की तरह मद्धिम है।
यादव ने कहा कि 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाकर ये क्या संदेश देना चाहते हैं। ये लोग किसके समर्थन के लिए आम जनता को उकसा रहे हैं। उन उपद्रवी तत्वों को समर्थन, जिसने ऐतिहासिक लालकिले में तोड़फोड़ की। जिसने गणतंत्र दिवस जैसे गौरवशाली दिवस की गरिमा धूमिल करने की कोशिश की। असल में विपक्षी दल के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नकल करने की कोशिश में हैं।
लेकिन, नक़ल करने के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है। बिना अक्ल का नकल करने पर बड़ा नुक़सान भी हो सकता है। बिहार में बनायी गयी मानव श्रृंखला, जिसने विश्व कीर्तिमान स्थापित किया, उसके सकारात्मक संदेश थे। वर्ष 2017 में नशामुक्ति को लेकर बनी मानव श्रृंखला 11,292 किमी थी। इसमें 3.5 करोड़ लोगों ने भाग लिया था। वर्ष 2018 में बाल-विवाह और दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए बनी श्रृंखला 14 हजार किमी थी। वहीं, 2020 में जल-जीवन-हरियाली अभियान समेत अन्य सामाजिक मुद्दों पर करीब 18 हजार किलोमीटर मानव श्रृंखला बनाकर इतिहास रच दिया। इसमें पांच करोड़ लोग शामिल हुए।
नंदकिशोर यादव ने कहा कि 30 जनवरी को विघटनकारी तत्वों के समर्थन में आयोजित होनेवाली मानव श्रृंखला पूरी तरह फ्लॉप हो जायेगी। उसे जनता का समर्थन प्राप्त नहीं होगा।