पटना : वरिष्ठ भाजपा नेता व सांसद सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह से उत्पाती भीड़ ने हिंसा, तोड़फोड़ और राष्ट्रीय झंडे के अपमान का आक्रामक दुस्साहस किया है। इससे इस संदेह की पुष्टि हुई कि किसान आंदोलन को वामपंथी, खालिस्तानी और टुकडे़-टुकडे गैंग ने पूरी तरह हाईजैक कर लिया है।
सुशील मोदी ने कहा कि गणतंत्र दिवस की गरिमा को चोट पहुँचाने वाली घटना के बाद राजद को बिहार में 30 जनवरी को प्रस्तावित मानव श्रृंखला रद्द कर देनी चाहिए। किसान नेताओं को भी 1 फरवरी का संसद मार्च रद्द कर सरकार के प्रस्तावों पर वार्ता शुरू करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पंजाब के सम्पन्न बिचौलियों ने किसान आंदोलन के नाम पर न केवल सरकार के सभी प्रस्ताव ठुकरा कर गतिरोध और तनाव बनाये रखा है। बल्कि देशविरोधी ताकतों से साठगांठ कर भारतीय गणतंत्र के प्रतीक लाल किले पर हमला किया। ट्रैक्टर को टैंक की तरह इस्तेमाल किया गया। तलवारें लहरायी गईं, शांतिपूर्वक प्रदर्शन की शर्तें तोड़ कर पुलिस पर हमले किये गए, 80 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए। हमें गणतंत्र की रक्षा के लिए जान जोखिम में डालने वाले पुलिसकर्मियों पर गर्व करना चाहिए। क्या राहुल गांधी गंभीर रूप से जख्मी जवानों का हाल पूछने जाएँगे?
न सत्य से मतलब है, न अहिंसा से
पूरे देश ने दिल्ली में हिंसा का तांडव देखा, लेकिन राहुल गांधी ने न हिंसा और तोड़फोड़ की निंदा की, न आंदोलन स्थगित करने की अपील की। राहुल गांधी ने उल्टे हमला कराने का आरोप सरकार पर लगा कर एक बार फिर साबित किया कि उन्हें न सत्य से मतलब है, न अहिंसा से, वे केवल “गांधी” सरनेम का राजनीतिक इस्तेमाल करते हैं।