बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लाॅकडाउन की अवधि में 80 करोड़ गरीबों को 8 माह तक 40 किलो अनाज दिया, 39.18 करोड़ जनधन खाताधारक महिलाओं, उज्जवला योजना के लाभार्थियों, वृद्धों- दिव्यांगों और किसानों के खाते में सीधे 61 हजार 334 करोड़ की राशि डाली।
राहुल गांधी बतायें कि क्या इससे केवल चंद परिवारों को लाभ हुआ? प्रधानमंत्रीजी परिश्रम और सेवा की पराकाष्ठा कर रहे हैं, जबकि राहुल गांधी झूठ के रसातल में खडे़ हैं।
उन्होंने अन्य ट्वीट में कहा कि राहुल गांधी को यदि अपने पिता राजीव गांधी के शासनकाल में हुए असम समझौते का जरा भी ज्ञान होता, तो वे वहां जाकर नागरिकता कानून के विरुद्ध बयान न देते। असम की संस्कृति, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को विदेशी घुसपैठियों से होने वाले आघात से बचाने के लिए वहां नागरिकता कानून सबसे पहले लागू करना जरूरी है।
सुमो ने कहा कि राहुल गांधी को लगता है कि नागरिकता कानून, कृषि कानून और अर्थव्यवस्था जैसे गंभीर विषयों पर भी लगातार झूठ बोल कर वे सच को दबा सकते हैं। वे नहीं बता पाये कि नागरिकता कानून से भारत के किसी नागरिक का क्या अहित होगा और कृषि कानून में “काला” क्या है?
जो कांग्रेस आपातकाल से लेकर 2014 तक, जब भी राज करने का मौका मिला, केवल मां-बेटे की सरकार चलाती रही, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर ओछी टिप्पणी कर केवल अपनी हताशा जाहिर कर रही है।