पटना : राज्य सरकार ने बीते दिन एक गाइडलाइन जारी की थी। जिसमें कहा गया है कि कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल व्यक्ति सरकारी सेवक नहीं माने जायेंगे। न ही उन्हें सरकारी सेवक वाली सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा वे लोग सरकारी सेवा में नियमित करने का दावा नहीं कर सकते। बहाली सरकार द्वारा स्वीकृत पदों पर ही जाएगी। सरकार द्वारा एक माह पूर्व सूचना देकर या एक माह का मानदेय देकर कॉन्ट्रैक्ट समाप्त किया जा सकता है।
सरकार निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद नेता व राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि वे अनिश्चित जैसे शब्द को हटा देंगे। नीतीश सरकार खुद ही कॉन्ट्रैक्ट पर है। बीते दो दिनों से जो फरमान सामने आ रहा है कि आप सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोल सकते और अब युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है।
बिहार राज्य डेटा इंट्री संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार यादव ने कहा कि सरकार हमारे साथ अन्याय कर रही हैं। चौधरी कमेटी की अनुशंसा को अजीब तरीके से लागू की जा रही है। चौधरी कमेटी का गठन संविदा कर्मियों के परमानेंट करने पर हुआ था। लेकिन, ठीक इसके उलट राज्य सरकार की गाइडलाइन जारी हुआ।
हम लोग सरकार से अनुरोध करेंगे कि चौधरी कमेटी की उद्देश्यो के लिए किया गया था उसे पूरी की जाए। बिहार में बेल्ट्रॉन के द्वारा दस हजार अधिक ऑपरेटर काम कर रहे हैं। सरकार के कामकाज में इनका योगदान काफी अहम है। सचिवालय स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक डाटा एंट्री ऑपरेटर अपनी सेवा दे रहे हैं। सरकार की इस गाइडलाइन से हम लोग काफी दुखी महसूस कर रहे हैं।
बिहार सचिवालय सेवा संघ ने तुगलकी फरमान बताते हुए संघ के महासचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि सरकार का गाइडलाइन तानाशाह शासन की एक बानगी है। सरकार के इस फैसले से संविदा कर्मियों की काम पर असर पड़ेगा। संविदा पर बरसों से काम कर रहे हैं। उनके दिमाग में संशय बना रहेगा और उनके दिमाग पर असर पड़ेगा। सबसे जरूरी बात यह है कि कॉन्ट्रैक्ट पर बहाली नहीं होनी चाहिए और यदि कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल करते हैं तो उन्हें पूरी सेवा शर्त के साथ बहाली करें। आशोक सिंह ने कहा कि सरकार यह सब आंदोलन को रोकने के लिए कर रहीं है। ताकि संविदा कर्मी अपनी वाजिब मांगों को मानने के लिए आंदोलन ना करें।
कांट्रैक्ट कर्मियों के नए गाइडलाइन पर शिक्षक संघ के नेता अरुण क्रांति कुशवाहा ने कहा कि संविदा की नौकरी शिक्षित युवाओ के साथ क्रूर मजाक हैं। संघ इस आदेश को जस्टिफाय नहीं करता है। पहले नौकरी देकर फिर एक महीने का वेतन देकर नौकरी से हटा दिया जाए, यह उसके परिवार वालों के साथ अन्याय है।
वहीं, इसको लेकर भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा कि नीतीश कुमार और एनडीए की सरकार ही युवाओं की असली हितैषी है, विपक्ष उन्हें भटकाने की कोशिश न करें। आज विपक्ष के पेट में क्यों मरोड़े आ रहा है, जब सरकार युवाओं को नौकरी दे रही है, सरकार युवाओं को प्रोत्साहित कर रही है।