राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जिनके माता-पिता के राज में किसानों, दलितों के सामूहिक नरसंहार की 100 से ज्यादा घटनाएँ हुईं, उन्होंने बारा कांड की बरसी पर रैम्पवॉक कर अपनी संवेदनाहीनता प्रकट की। राजद ने 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने 15 साल के शासनकाल की गलतियों के लिए माफी मांगी थी। अब उसे हर नरसंहार की बरसी पर उपवास कर प्रायश्चित करना चाहिए।
अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि ठीक 29 साल पहले गया जिले के बारा गांव में जब वामपंथी अतिवादियों ने 35 किसानों के गले रेत कर उनकी निर्मम हत्याएँ की थीं, तब लालू प्रसाद मुख्यमंत्री थे। आज लालू प्रसाद की पार्टी एक तरफ वामपंथियों से गठबंधन कर चुनाव लड़ती है और दूसरी तरफ किसानों का हमदर्द दिखने के लिए मानव श्रृंखला का नाटक करती है।
अदालत ने लालू प्रसाद को केवल चारा घोटाला के चार मामलों में सजा दी, जबकि जनता की अदालत ने बिहार की सत्ता और लोकसभा से बाहर कर उनकी पार्टी को किसानों-गरीबों के नरसंहारों की सजा दी।