आयकर विभाग ने 9 फरवरी को बेंगलुरु स्थित एक प्रमुख शराब निर्माता समूह पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था। इसके तहत समूह के देश भर में स्थित 26 स्थानों पर तलाशी और जब्ती का ऑपरेशन किया गया। समूह के पास विशाल भूमि बैंक है, जिसे बेंगलुरु स्थित एक बिल्डर के साथ आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों में विकसित किया जा रहा है।
सर्च के दौरान आय से अधिक संपत्ति का पता चला है। जिसके तहत समूह द्वारा अपनी आय को छुपाने से संबंधित पुख्ता सबूत मिले हैं। इसके तहत समूह के द्वारा प्रमुख बिल्डर के साथ चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओंके तहत 692.82 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का पता चला है। इसके अलावा, समूह की कंपनियों सेफर्जी तरीके से 86 करोड़ रुपये खर्चों का पता चला है।
समूह के शराब कारोबार के संबंध में सर्च के दौरान केरल स्थित उनके शराब निर्माण संयंत्रों में से 74 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी का भी पता चला है। इसके अलावा समूह ने फर्जी कंपनियों के जरिए 17 करोड़ रुपये के खर्च दिखाए हैं। समूह के निदेशकों ने भी आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 69 सी के तहत 9 करोड़ रुपये की अघोषित खर्च किए हैं।
समूह ने कई वर्षों से अपने कर्मचारियों और सहयोगियों के नाम पर बेनामी संपत्तियों में बड़ी संख्या में निवेश कर रखे थे। इसके तहत कुल 35 संदिग्ध बेनामी संपत्तियों में उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों के नामसे 150 करोड़ रुपये की पहचान की गई है। समूह की कंपनी के निदेशक के नाम पर विदेशी संपत्ति के सबूत भी हैं। कुल मिलकार तलाशीऔर जब्ती की कार्रवाई में 878.82 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है।