ज्ञानू की तल्खी पर नीतीश- ‘यह दल का मामला’, जायसवाल- ‘परिवार के अंदर की बात’
पटना : नीतीश कैबिनेट का विस्तार होने के बाद दलों के अंदर नाराजगी को लेकर सबसे पहले सीएम नीतीश ने कहा कि मंत्री बनाना और नहीं बनाना दल का निर्णय होता है। इसको लेकर जो भी विवाद है, उसे दल के अंदर ही सुलझा लिया जाएगा।
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू पार्टी के निर्णय से नाराज हो गए थे। ज्ञानू की नाराजगी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ जायसवाल ने कहा कि मंत्री बनने को लेकर सबकी अपनी महत्वाकांक्षा होती है। जो राजनीति में है वे हर कोई मंत्री बनना चाहते हैं। लेकिन, हकीकत यह है कि सभी को मंत्री नहीं बनाया जा सकता है, कुछ लोगों को ही मंत्री बनाया जा सकता है। जायसवाल ने आगे कहा कि यह परिवार का मामला है, इसे ज्यादा तूल देने की आवश्यकता नहीं है।
ज्ञातव्य हो कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले भाजपा में बगावती तेवर देखने को मिला था। बाढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा था कि पार्टी कुछ लोगों के चंगुल में फंस गई है। प्रधानमंत्री मोदी व अमित शाह को अंधेरे में रखा गया है। अगर पार्टी सही समय पर नहीं चेती तो बिहार में भाजपा का हाल छत्तीसगढ़, राजस्थान व मध्यप्रदेश की तरह हो सकती है।
ज्ञानू ने कहा कि एक ही जिले से 3 लोगों को मंत्री बनाया जा रहा है। वहीं, किसी कमिश्नरी से एक को भी नहीं, पूरे दक्षिण बिहार को नजरअंदाज किया गया है। न जातीय समीकरण का ध्यान रखा गया है न क्षेत्रीय समीकरण का। अनुभवहीन व दागी लोगों को मंत्री बनाया जा रहा है। सवर्णों को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है, जो कि ठीक नहीं है। क्योंकि, सवर्णों ने ही पार्टी को खड़ा किया है।