राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया से लेकर पटना एम्स के सफाईकर्मी राम बाबू तक देश के लगभग 2 लाख कोरोना योद्धाओं ने कोवैक्सीन और कोवीशील्ड का टीका लगवा कर न केवल स्वदेशी टीके के प्रति विश्वास बढाया, बल्कि शशि थरूर, अखिलेश यादव और तेजप्रताप यादव जैसे अफवाह गैंग के पोस्टर बॉयज को करारा जवाब भी दिया।
उन्होंने कहा कि ब्राजील, पाकिस्तान समेत दुनिया के दर्जन-भर देश भारत से जिस कोरोना वैक्सीन के लाखों डोज की मांग कर रहे हैं, उसे कांग्रेस पहले फ्रॉड बता रही थी, लेकिन अब उसकी वैश्विक मांग होने पर इसका निर्यात रोकने की मांग कर रही है। कांग्रेस, राजद और वामपंथी दल खुद ही देश की राजनीति में एक वायरस बन चुके हैं। भाजपा इनके खिलाफ सबसे कारगर टीका है।
सुमो ने अन्य ट्वीट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन से उत्पन्न गतिरोध दूर करने के लिए जो विशेषज्ञ समिति बनायी, उसके सदस्य अनिल घनवट के इस बयान पर पंजाब के किसान नेताओं को गंभीरता से विचार करना चाहिए कि अगर गरीब-किसान हितैषी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से बने तीनों कृषि कानून रद करने पडे, तो अगले 100 साल तक कोई सरकार कृषि सुधार के लिए हिम्मत नहीं कर पाएगी।
किसान संगठन जिन सुधारों की मांग पिछले 50 साल से कर रहे थे, उसे पूरी करने वाले कानून में संशोधन तो हो सकता है, लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए इसे रद्द करने की जिद्द करना आत्मघाती होगा।