संसद, सुप्रीम कोर्ट व राष्ट्रीय पर्व की गरिमा को ठेस पहुँचाने पर तुले लोग असली किसान नहीं- सुमो

0
file photo

वरिष्ठ भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि तीनों नये कृषि कानूनों पर अंतरिम रोक लगा कर सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलनकारी किसानों का भरोसा जीतने की अब तक की सबसे बड़ी कोशिश की, लेकिन अराजकता प्रेमी विपक्ष और किसान नेताओं ने कोर्ट की पहल से बनी विशेषज्ञ समिति को मानने से इनकार कर गतिरोध के तिल को पहाड़ बना दिया।

वे ट्रैक्टर रैली निकाल कर राजधानी में गणतंत्र दिवस की परेड में भी विघ्न डालना चाहते हैं, जबकि यह परेड कभी भाजपा या किसी सत्तारूढ़ दल का कार्यक्रम नहीं रही। जो लोग संसद, सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय पर्व की गरिमा को ठेस पहुँचाने पर तुले हैं, वे असली किसान नहीं हो सकते।

swatva

अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति भारत जैसे कृषि प्रधान समाज का ऐसा उत्सव है, जिसे अलग-अलग नाम से देश के हर हिस्से में मनाया जाता है, लेकिन दुर्भाग्यवश, इस साल विपक्ष के बहकावे में आये पंजाब-हरियाणा के किसानों के एक वर्ग ने संक्रांति के पहले पंजाब में मनाये जाने वाले लोहडी उत्सव का भी राजनीतिक दुरुपयोग किया।

लोहड़ी पर पंजाबी मूल के लोग अग्नि को नवान्न और तिल अर्पित कर अच्छी फसल के लिए आभार प्रकट करते हैं, खुशी मनाते हैं, जबकि आंदोलनकारी किसानों ने नये कृषि कानून की प्रतियां जलाकर भारतीय संसद का अपमान किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here