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आचार्य कपिल की जयंती पर बोले शिक्षाविद, गुरुकुल शिक्षा पद्धति से होगा मानव जाति का कल्याण

पटना : आचार्य कपिल जी की जन्म जयंती के अवसर पर सोमवार को कपिल व्याख्यान माला आयोजित की गई। जिसका विषय “नई शिक्षा नीति” रहा और मुख्य वक्ता के रूप में प्रखर शिक्षाविद, सामाजिक विश्लेषक, सुपर-30 के जनक एवं बिहार के अति लोकप्रिय पूर्व पुलिस महानिदेशक अभयानंद थे। करोना के संकट के कारण इस बार ये व्याख्यान वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया जिसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षाविदों और विद्वानों ने भाग लिया।

आचार्य कपिल

अभयानन्द ने नई शिक्षा नीति की समीक्षा करते हुए प्राचीन गुरुकुल प्रणाली जैसी व्यवस्था को पुनः लाने की बात की। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से व्यावसायिक और वाणिज्यिक रूप में दी जा रही है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि शिक्षा की मूल आवश्यकता मनुष्य का सर्वांगीण विकास करना है, न कि किसी प्रोडक्ट की तरह ग्राहक को प्रस्तुत करना है। उनका जोर इस बात पर रहा कि आज की शिक्षा प्रणाली क्लर्क पैदा करने वाली शिक्षा ही है, जो मैकाले की देन है।

अभयानंद ने कहा कि हम आज के दौर में हम क्यों पर बात नही कर रहे हैं, क्या पर बात किये जा रहे हैं। जब तक हम अपने समाज व समुदाय को शिक्षा व्यवस्था से नहीं जोड़ते हैं तब तक शिक्षा ग्रहण करने वाले और देने वाले, दोनों को स्थायी लाभ प्राप्त नहीं हो सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा नीति में जो प्रमुख संकल्पनाएं हैं, उनके कार्यान्वयन के लिए आधार और अधिरचना स्तर पर सबसे अधिक काम करने की जरुरत है।

कार्यक्रम में डॉ एस के समदर्शी जी, डॉ कुसुम कुमारी जी, डॉ दयानंद राय जी, डॉ मून आरिफ रहमान,डॉ राजीव कुमार,डॉ संतोष कुमार,डॉ कृपाशंकर पांडेय ,डॉ मयंक मधुकर, कृष्णकांत ओझा, हिमांशु तथा कमलेश कुमार सिंह के अलावा झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय, रांची विश्वविद्यालय, भागलपुर विश्वविद्यालय और पटना कॉलेज के प्रख्यात शिक्षाविदों के द्वारा प्रश्न और टिप्पणियाँ व्यक्त की गयी।

व्याख्यान का संचालन आर डी एंड डी जे कॉलेज के हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डॉ अवनीश चन्द्र पाण्डेय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन आर डी एंड डी जे कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ विद्या चौधरी द्वारा किया गया।