शिवसेना के मुखपत्र सामना में बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर लिखा गया कि बिहार में आईपीएस के भाई की भी हत्या हो जाती है, हथियार के बल पर छात्राओं का दुष्कर्म होता है और पुलिस मामले को संज्ञान में नहीं लेती है। अब इसको लेकर बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉo निखिल आनंद ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित आलेख पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य है कि राजनीतिक मकसद पूरा करने के लिए घटिया संपादकीय लिखकर संजय राउत खुद को पत्रकार समझने लगे हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि उनकी सी ग्रेड पत्रकारिता का नमूना सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान के मामले में देश की जनता देख चुकी है। बिहार ने जो सुशासन और विकास का मॉडल पेश किया है वो पूरे देश के लिए एक नज़ीर है ठीक उसी तरह जिस प्रकार शिवसेना का सत्तालोलुप अवसरवादी चरित्र देश में अनूठा है। बिहार का गवर्नेस आज की तारीख में महाराष्ट्र से लाख गुना बेहतर है। अवसरवादी शिवसेना चाहे तो अपने मुख्यमंत्री जी को गवर्नेंस की ट्रेनिंग लेने बिहार भेजे।
निखिल आनंद ने संजय राऊत पर व्यक्तिगत निशाना साधते हुए कहा है कि भाभी जी को ईडी का नोटिस जाने के बाद से संजय राऊतजी थोड़े नर्वस है। वे मामले को राजनीतिक रंग देने और बिहार पर निशाना साधकर कुंठा अभिव्यक्ति करने की बजाय अपनी बेगुनाही साबित करने पर ध्यान दें। संजय राऊत जी अनर्गल प्रलाप करने की बजाय अपने खाता- बही और लेन- देन का हिसाब- किताब ठीक रखने पर ध्यान दें तो अच्छा रहेगा क्योंकि लोगों में चर्चा है कि उनकी गलतियों की वजह से ही भाभी जी को नोटिस झेलना पड़ा है।