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जीविका समूहों को दी जाएगी जल-जीवन-हरियाली अभियान की जिम्मेवारी- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पूर्णिया जिले के धमदाहा प्रखंड स्थित गंगा प्रसाद उत्क्रमित उच्च विद्यालय दमगाड़ा में जीविका द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहली बार बिहार के लोगों ने जब काम करने का मुझे मौका दिया तो वर्ष 2006 में हमने स्वयं सहायता समूह के विषय में पूरी जानकारी ली। उस समय मुजफ्फरपुर जिले में एक ही दिन दो अलग-अलग जगहों पर हमने जीविका दीदियों से बात की। पहले स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी और यह उतना प्रभावी भी नहीं था और बहुत कम संख्या में महिलाएं इससे जुड़ी थीं। उसी समय हमने स्वयं सहायता समूहों को प्रभावी बनाने के साथ-साथ इससे अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने का निर्णय लिया और इसके लिए विश्व बैंक से कर्ज लिया गया। उसके बाद हमलोगों ने इसका नामकरण जीविका समूह किया।

1 करोड़ 20 लाख महिलाएं जीविका समूह में

हमने 10 लाख जीविका समूह बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिनकी संख्या अब 10 लाख से भी ज्यादा हो गई है। जीविका समूहों से 1 करोड़ 20 लाख महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित था, आज 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा महिलाएं जीविका समूहों से जुड़कर काम कर रही हैं। जीविका दीदियों को बैंकिंग प्रणाली के विषय में जितनी जानकारी प्राप्त है, उतना पढ़े लिखे लोगों को भी जानकारी नहीं है। जीविका समूहों के कारण ही महिलाएं काफी जागृत और प्रेरित हो रही हैं। यहां एग्रो प्रोड्यूसर ग्रुप द्वारा बहुत अच्छा काम हो रहा है। बड़े पैमाने पर मक्के की खेती हो रही है, इसका लोगों को लाभ मिल रहा है। हमारा लक्ष्य जीविका समूहों के कार्यों को और अधिक विस्तारित करना है, सिर्फ संख्या बढ़ाना नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति में जो सुधार आया है उसमें महिलाओं की महती भूमिका है।

बिहार का मॉडल अपनाया पूरा देश

स्वयं सहायता समूह के मामले में बिहार दूसरे राज्यों से काफी पीछे था लेकिन आज स्थिति यह है कि यहां के जीविका समूह के पैटर्न को अपनाते हुए केंद्र ने पूरे देश में आजीविका कार्यक्रम लागू किया। हम चाहते हैं कि यह और बेहतर हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन के कारण जितने लोग बिहार आए हैं, हम चाहते हैं कि उन्हें यहीं रोजगार का अवसर प्राप्त हो। मजबूरी में किसी को बाहर नहीं जाना पड़े। लॉकडाउन के दौरान बिहार वापस आये लोगों द्वारा पश्चिम चंपारण में अन्य चीजों के अलावा कपड़ा उद्योग के क्षेत्र में काफी अच्छा काम शुरु हुआ है। हमलोगों ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए पोशाक और साइकिल योजना शुरु किया है।

दीदी की रसोई

पहले बाहर से कपड़ा आता था, हमने कहा कि स्कूली बच्चों के पोशाक हेतु जीविका समूहों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर पोशाक उपलब्ध हो ताकि राज्य का पैसा बाहर जाने से बच सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में इलाज के लिए जो लोग जाते हैं, उन्हें भोजन उपलब्ध कराने के लिए जीविका समूहों द्वारा यहां दीदी की रसोई शुरु की गयी है। इसी तर्ज पर पूरे बिहार में यह व्यवस्था सुनिश्चित हो। भोजन के अलावा सरकारी अस्पतालों में जीविका समूहों द्वारा बेडशीट की उपलब्धता सुनिश्चित हो। इसके लिए जीविका समूहों को राज्य सरकार हरसंभव मदद करेगी।

महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण

हमलोगों ने पंचायती राज एवं नगर निकाय के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया है, इससे महिलाओं में काफी जागृति आयी है। बिहार के सरकारी स्कूलों में पहले 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या 1 लाख 70 हजार थी लेकिन साइकिल योजना शुरु करने का परिणाम है कि पिछले वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में लड़कियों की संख्या लड़कों से भी ज्यादा थी। लड़कियों के शिक्षित होने से समाज आगे बढ़ेगा।

नई पीढ़ी को जागरुक करें वो मिसगाईड न हों

जीविका दीदियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि आपसे यही अपेक्षा है कि नई पीढ़ी को जागरुक करें ताकि वह मिसगाईड नहीं हो सकें। आपकी प्रेरणा से वे अच्छे कदम की तरफ बढ़ेंगे। कुछ लोग हैं जो नई पीढ़ी को गुमराह कर गलत रास्ते पर ले जाने की कोशिश में जुटे हैं। परिवार के लोग आगे बढ़ेंगे, तभी परिवार आगे बढ़ेगा। आपका धीरे-धीरे विकसित होना आपकी जागृति को दर्शाता है। अधिकरियों से भी हम कहेंगे कि यहां जो काम हो रहा है उसका आंकलन कीजिए ताकि काम और बेहतर ढंग से हो सके, तभी ठीक ढंग से इलाके का विकास हो पाएगा।

बिहार में कोई बड़ी फैक्ट्री नहीं फिर तरक्की

उन्होंने कहा कि बिहार में कोई भी बड़ी फैक्ट्री नहीं है, फिर भी बिहार की तरक्की हो रही है और प्रतिव्यक्ति आमदनी भी बढ़ रही है। इसका कारण आप सभी लोग हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा लक्ष्य समाज को आगे बढ़ाना है और यह तभी संभव होगा, जब पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की भी विकास कार्यों में भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि यहां जो भी काम हो रहा है वो ठीक से हो रहा है। इसके विषय में नई पीढ़ी के बच्चे-बच्चियों को भी जानकारी देते रहें।

जीविका समूह से गरीब घरों की महिलाएं जुड़कर काम कर रही हैं। घर के बच्चे-बच्चियों को ठीक ढंग से गाइड करें क्योंकि मोबाइल पर बहुत सी चीजें अनाप-शनाप चल रही हैं। यहां मक्का और केला के अलावा अन्य चीजों पर भी कैसे बेहतर ढंग से काम हो, उस दिशा में काम करने की जरुरत है। मक्का के उत्पादन और विक्रय के अलावा मक्का से जो उत्पाद तैयार हो रहे हैं, वह यहीं तैयार की जाए, इस दिशा में व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

इस अवसर पर जल संसाधन एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय कुमार चैधरी, सांसद संतोष कुमार कुशवाहा, विधायक लेसी सिंह, विधायक श्रीकृष्ण कुमार ऋषि, विधायक बीमा भारती, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, जीविका दीदियां एवं अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।