नवादा : नगर स्थित राजेंद्र मेमोरियल महिला महाविद्यालय में बुधवार को अजीबोगरीब दृश्य देखने को मिला। जहां के लिपिक पीयूष शुभम अपनी बीबी व बच्चों संग धरना पर बैठे दिखे। कॉलेज से विरमित होने से वे नाराज थे। उनका आरोप था कि विश्वविद्यालय के नियमों की अनदेखी करते हुए उन्हें कॉलेज से विरमित किया गया है। विरमन का पत्र स्पीड पोस्ट से भेजा गया है। कॉलेज प्राचार्य भेदभाव की नीति अपनाते हुए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है। बताया कि 25 दिसंबर को उन्हें स्पीड पोस्ट के जरिए कॉलेज से विरमन किए जाने की जानकारी मिली।
02 जनवरी को गया जिले के एसएस सिन्हा कॉलेज टेकारी में योगदान देने पहुंचे। लेकिन वहां के प्राचार्य ने विश्वविद्यालय विरमन कार्यालय आदेश की मांग करते हुए योगदान लेने से मना कर दिया। कहा कि किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति या प्रतिनियुक्ति कुलपति के आदेश से होती है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। बगैर कुलपति के आदेश लिए उन्हें कॉलेज से विरमित कर दिया गया। यहां तक कि अब आरएमडब्ल्यू कॉलेज में प्रवेश पर रोक लगाई जा रही है।
कॉलेज प्राचार्य द्वारा उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। प्राचार्य डॉ. फूलो पासवान ने कहा कि लिपिक उनके कॉलेज के हैं और उनकी मनमानी पर अंकुश लगाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि उन्हें यहां से विरमित किया जा चुका है। ऐसी परिस्थिति में काॅलेज में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा सकती।