धान अधिप्राप्ति 2020-21 के मद्देनजर मंगलवार को बैठक आहूत की गई
मुजफ्फरपुर : धान अधिप्राप्ति 2020 -21 के मद्देनजर मंगलवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में मिलरों एवं विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड पैक्स अध्यक्ष के साथ जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में बैठक आहूत की गई। जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान धान अधिप्राप्ति से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया और कई आवश्यक दिशा- निर्देश भी उनके द्वारा दिए गए।
उन्होंने कहा कि जिले में विभिन्न समितियों द्वारा अधिप्राप्ति प्रारंभ की गई है। इस वर्ष 333 समितियों को चयनित किया गया था। जिसमें 128 समितियां सक्रिय हो धान का क्रय करना शुरू कर दिया है। शेष को शीघ्र ही सक्रिय हो धान खरीदने का निर्देश दिया गया है। जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि अभी तक 2872 मीट्रिक टन धान क्रय किया गया है जो कि पिछले बार की तुलना में बहुत अधिक है । पिछले वर्ष इस समय तक 150 मीट्रिक टन धान की खरीद हो पाई थी। बताया गया कि पिछले वर्ष 305 समितियों को चयनित किया गया था इस बार व्यापार मंडल सहित 333 समितियां चयनित की गई।
उन्होंने बताया कि इस बार धान खरीद का लक्ष्य 75000 मीट्रिक टन है। हालांकि जिला से इस लक्ष्य को 50000 मीट्रिक टन तक करने का अनुरोध किया गया है। पिछले बार धान का उत्पादन 302000 मीट्रिक टन हुआ था जबकि इस बार धान की पैदावार पिछले वर्ष की तुलना में कम हुई है जो कि 146000 मीट्रिक टन है।
जिलाधिकारी ने मिल मालिकों और पैक्स अध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा जो धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है हम उम्मीद करते हैं कि उस लक्ष्य की प्राप्ति निर्धारित समय के अंदर की जाएगी। पिछले वर्ष 39500 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। जिलाधिकारी ने जिला सहकारिता पदाधिकारी को धान अधिप्राप्ति में तेजी लाने का निर्देश दिया।
साथ ही उन्होंने एसएफसी के जिला प्रबंधक को भी निर्देशित किया की धान मिलो का टैगिंग संबंधित पैक्सों के साथ शीघ्र किया जाए। एसएफसी के जिला प्रबंधक द्वारा बताया गया अभी 19 मिलो को निबंधित किया गया है जिसमे 08 का वेरिफिकेशन कर लिया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिनका वेरिफिकेशन कर लिया गया है उन्हें संबंधित समितियों के साथ शीघ्र टैग किया जाए तथा शेष मिलो की टैगिंग दो दिन के अंदर करना सुनिश्चित किया जाए।
जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि अन्य समितियों को भी सक्रिय करें ताकि किसानों से अधिक से धान खरीदा जा सकें।
बैठक में निर्धारित समय तक सी एम आर की आपूर्ति करने, सीएमआर रिसीव होने के एक सप्ताह के अंदर तक पैक्सों को भुगतान करने, जिले में भंडारण हेतु गोदामों की उपलब्धता एवं भंडारण की कैपेसिटी बढ़ाने, धान अधिप्राप्ति में तेजी लाने, इस संबंध में सरकार द्वारा लिए गया निर्णय को आम जनता के बीच to प्रचारित करने, मिलो का निबंधन एवं पैक्सों के साथ उसकी ट्रेनिंग करने इत्यादि को लेकर समीक्षा की गई एवं इस संबंध में आवश्यक निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि धान अधिप्राप्ति का अनुश्रवण पूरी गंभीरता के साथ किया जाएगा। बैठक में मिल मालिकों एवं पैक्स अध्यक्ष द्वारा भी अपनी बात रखी गई जिसे जिलाधिकारी ने ध्यानपूर्वक सुना। वहीं जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन मौसम- 2020-21 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपया प्रति क्विंटल रखा गया है।
धान की अधिप्राप्ति 31 मार्च तक चलेगी। धान अधिप्राप्ति हेतु धान में नमी की अधिकतम मात्रा 17% रखा गया है।रैयत किसानों से अधिकतम 250 क्विंटल तथा गैर रैयत किसानों से अधिकतम 100 क्विंटल धान क्रय की अधिसीमा निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों को धान बेचने अथवा धान का मूल्य भुगतान के संबंध में यदि कोई शिकायत हो तो संबंधित जिला के वरीय पदाधिकारियों, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला प्रबंधक राज खाद्य निगम से संपर्क कर सकते हैं। बैठक में कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिन किसानों का 33% या उससे अधिक फसल क्षति हुई है उनको सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति मिलेगा साथ ही उनके पास आवश्यकता से अधिक धान बचा हुआ है तो वे उसे बेच भी सकते हैं।
सुनील कुमार अकेला की रिपोर्ट