मंत्रिमंडल विस्तार के लिए क्या कांग्रेस के टूटने का इंतजार हो रहा?
पटना : बिहार में नवगठित सरकार के एक महीने पूरे होने वाले हैं। लेकिन, अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हो रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही है। कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन, इन तमाम कयासों पर सीएम नीतीश कुमार ने विराम लगा दिया है।
पटना हवाईअड्डा के विस्तार का निरीक्षण करने पहुंचे नीतीश कुमार ने कहा कि कैबिनेट विस्तार को लेकर उनकी भाजपा से नहीं कोई बातचीत हुई है न ही कोई चर्चा। हालांकि, नीतीश कुमार ने इतना जरूर कहा कि आगामी 5 साल के लिए यह सरकार रूप रेखा तैयार कर ली है।
कांग्रेस के टूटते ही होगा मंत्रिमंडल का विस्तार
बहरहाल, महत्वपूर्ण बात यह है कि आखिर नीतीश ने ऐसा क्यों कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा की तरफ से कोई चर्चा नहीं हुई है। दरअसल, सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल का विस्तार इसलिए नहीं हो पा रहा है। क्योंकि, कांग्रेस में बड़ी टूट होने वाली है। इसलिए बिहार में जब तक कांग्रेस टूटेगी नहीं, तब तक मंत्रिमंडल का विस्तार संभव नहीं है।
भाजपा में जाएं या जदयू में
वहीं, उच्चस्थ सूत्रों की मानें तो टूटने वाले कांग्रेस विधायक इस असमंजस में हैं कि वे भाजपा के साथ जाएं या जदयू के साथ। इसलिए मामला अभी तक अधर में लटका है। और यह बातें अभी तक बाहर नहीं थी, लेकिन बीते दिन यह बात मीडिया में आ गई है। इसलिए नीतीश ने डैमेज कंट्रोल के लिए मंत्रिमंडल विस्तार का ठीकरा भाजपा पर फोड़ दिए।
ज्ञातव्य हो कि 16 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुल 14 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। इसमें भाजपा कोटे से 7, जदयू से 5 तथा हम व वीआईपी कोटे से 1-1 मंत्री ने शपथ ली थी। हालांकि, बाद में काफी विवाद होने के बाद जदयू कोटे के मंत्री मेवालाल चौधरी को इस्तीफा देना पड़ा।