पटना : बिहार में शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार बराबर निशाने पर रहती है। शरबबंदी को लेकर नीतीश कुमार पर विपक्ष के साथ-साथ भाजपा भी सवाल उठाते रहती है। हाल ही में भाजपा नेता व औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने नीतीश कुमार की शराबबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि शराबबंदी कानून पुलिस की कमाई का एक जरिया है। भाजपा नेता ने कहा कि रफीगंज में कई जगहों पर शराब बिक रही है, लेकिन पुलिस की नजर वहां नहीं पहुँचती है। क्योंकि, शराब माफियों की तरफ से उन्हें अच्छा ख़ासा नजराना मिल जाता है।
भाजपा नेता के बयान पर जदयू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शराबबंदी समाज सुधार की दिशा में अभूतपूर्व पहल है, ये पूरे समाज को भरोसे में लिया गया कदम था। महिलाओं की तरक्की के लिए उठाया गया कदम था, ऐसे कदम से पिछड़ा और महिला समाज ज़्यादा मज़बूत हुआ है।
नीरज कुमार ने आगे कहा कि जिन्हें हमारे ऊपर भरोसा नहीं है वो आंकड़ों को देखें, कैसे जीविका के ज़रिये समाज की महिलाएं मज़बूत हुई हैं। नीतीश कुमार एक नेता ही नहीं बल्कि समाज सुधारक भी हैं, कई ऐसे कदम नीतीश कुमार ने उठाये जिनसे महिलाएं मज़बूत हुई है और शराबबंदी उसी दिशा में उठाया गया कदम है।
सांसद सुशील कुमार सिंह के बयान का समर्थन करते हुए राजद एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी फेल है, ये भारत सरकार की रिपोर्ट से पुष्टि होती है। नीतीश कुमार और उनका पूरा तंत्र शराब रोकने में विफल रहा। राजद नेता ने कहा कि यह नीतीश कुमार की ज़िद है, नीतीश कुमार की इस ज़िद का नुकसान पूरे बिहार को उठाना पड़ा है।
वहीं, कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा भाजपा नेता के बयानों का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा सांसद ने जो कहा है वो विपक्ष के आरोपों की पुष्टि करता है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले ही शराबबंदी पर अपनी बात स्पष्ट की थी, शराबबंद पर नौटंकी की गई है। कांग्रेस की नीतीश कुमार से मांग है कि वे या तो सुशील सिंह को तलब करें या फिर ये ढोंग बंद करें। पहले जब विपक्ष ने सवाल उठाये तो मज़ाक उड़ाया गया, अब तो भाजपा के लोग ही सवाल खड़े कर रहे हैं।