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सहायक प्राध्यापकों की स्थायीकरण और यूजीसी के अनुसार मानदेय तय करने की मांग

मधेपुरा : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ ने विश्वविद्यालय से मांग की है कि वह उच्च शिक्षा विभाग बिहार सरकार व राज्यपाल सह कुलाधिपति को अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा स्थायीकरण और यूजीसी के अनुसार उनके मानदेय 50000 अधिकतम प्रतिमाह करने हेतु अनुशंसा पत्र विश्वविद्यालय द्वारा भेजा जाए।

अतिथि सहायक प्राध्यापकों की मुख्य मांग है कि उनकी नियुक्ति अस्थाई रूप से यूजीसी एवं बिहार सरकार के नियमों के अनुपालन तथा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में यूजीसी एवं बिहार सरकार के नियमानुसार सक्षम साक्षात्कार समिति के मेधा सूची आरक्षण नियम और रोस्टर का अनुपालन करते हुए किया गया है। उनकी सेवा को नियमित की जा सकती है। इससे पूर्व भी अस्थाई सहायक प्राध्यापकों की सेवा बिहार सरकार द्वारा 1982 ई० और 1986 ई० में सेवा स्थाई गई थी।

संघ द्वारा राज्यपाल से मांग की गई है कि अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा 65 वर्ष तक विस्तारित की जाए। उल्लेखनीय है की बिहार सरकार के अंतर्गत ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राजकीय अभियंत्रण एवं पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में कॉन्ट्रैक्ट सहायक प्राध्यापकों की सेवा 65 वर्ष तक विस्तारित एवं 50,000 रुपए मानदेय किया गया है। मुख्यमंत्री से मांग की जाती है कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा की जाने वाली नियुक्ति में अतिथि सहायक प्राध्यापकों के पदों को छोड़कर अन्य पदों पर बहाली की जाए।

ज्ञात हो की विश्वविद्यालयों द्वारा लगभग 9000 पद स्वीकृत किये गए है। संघ द्वारा अपनी मांगो के पूर्ति के लिए शनिवार को सिंडिकेट की बैठक में सिंडिकेट के सदस्यों विधान पार्षद विधान परिषद सदस्य प्रो० डॉ० संजीव कुमार सिंह, विधायक गूंजेश्वर साह, प्रो.डॉ.रामनरेश सिंह, कुलपति प्रो० डॉ० आर० के० पी० रमण को ज्ञापन सौंपा। मौके पर संघ अध्यक्ष डॉ० सतीश कुमार दास, महासचिव दीपक कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ.सिकंदर कुमार,डाॅ प्रशान्त कुमार मनोज, डाॅ० जयन्त कुमार ठाकुर, प्रवक्ता डॉ.संतोष कुमार, डॉ.अरुण कुमार साह, डॉ.मनोज कुमार, डाॅ अखिलेश मिश्रा,डाॅ मनोज कुमार ठाकुर, डॉ.हरित कृष्ण सहित अन्य आदि शामिल थे।