पटना : बिहार के पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि पटना-गया-डोभी 4 लेन के चौड़ीकरण का कार्य प्रारंभ हो गया है। 127 किलोमीटर लंबी इस सड़क के चौड़ीकरण पर लगभग 1609 करोड़ रूपये की लागत आयेगी। 4 लेन का निर्माण कार्य तीन खंडों में विभक्त किया गया है। सुगम यातायात के लिए पटना-डोभी के बीच पांच शहरों में बाइपास रोड का निर्माण किया जायेगा।
पांडेय ने बताया कि पटना-गया-डोभी पथ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-83 पटना से प्रारंभ होकर जहानाबाद, गया होते हुए डोभी के पास जी.टी. रोड पर मिलता है। राजधानी पटना को दक्षिण बिहार से तथा स्वर्णिम चतुर्भुज से जोड़ने के लिए यह महत्वपूर्ण मार्ग है। साथ ही अंतराष्ट्रीय महत्व के पर्यटन स्थल बोधगया को भी इस पथ के द्वारा संपर्कता प्रदान होती है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा जापान इंटरनेशनल काॅपरेशन एजेंसी के वित्तीय सहयोग से इस पथ को 4 लेन चौड़ीकरण का कार्य कराया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने तीन खंडों कार्यों को विभाजित कर न्यूनतम निविदाकारों को आवंटित कर एकरारनामा कर दिया है। पटना जिला में 39 किलोमीटर के कार्य पर 649 करोड़, जहानाबाद जिला में लगभग 44 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण पर 496 करोड़ और गया जिला में पड़ने वाले लगभग 44.22 किलोमीटर पथांश में 4 लेन के निर्माण पर 464 करोड़ रूपये की लागत आयेगी।
मंगल पांडेय ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत गया शहर के लिए 25 किलोमीटर लंबे बाइपास का निर्माण कराया जा रहा है, जो उत्तर में चाकंद से शुरू होकर गया शहर के दक्षिण में मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के निकट दोमुहान के पास मिल जायेगा। इसके अतिरिक्त इस परियोजना के तहत पटना-गया के बीच बेलागंज, मखदुमपुर, जहानाबाद और मसौढ़ी में भी बाइपास का प्रावधान किया गया है। इस पथ परियोजना में 65 किलोमीटर हरित क्षेत्र मार्गरेखन एवं 62.217 किलोमीटर मार्गरेखन पर सड़क निर्माण किया जा रहा है।
पांडेय ने बताया कि गया शहर में राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-83 के पुराने पथांश के पहाड़पुर से दोमुहान तक के भाग को राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-120 में शामिल करते हुए 4 लेन चौड़ीकरण की योजना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को स्वीकृति हेतु भेजी गई है। जिससे गया शहर को गया एवं गया स्थित हवाई अड्डा का 4 लेन संपर्कता प्राप्त हो जायेगी एवं राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-83 तक लगातार 4 लेन कनेक्टिविटी मिलने में कोई बोटलनेक नहीं होगा। इस परियोजना हेतु 3283 करोड़ रूपये के अनुमानित व्यय पर भू-अर्जन कार्य लगभग पूर्ण करते हुए बाधा रहित कार्यक्षेत्र राज्य सरकार द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को उपलब्ध करा दिया गया है।