समाज में विशिष्ट सम्मान प्राप्त डॉक्टरों के लिए सेवा भाव ही सर्वोपरि : भाजपा
पटना : स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर बिहार के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल के कारण राज्य के अस्पतालों में मरीजों को खासा तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में सरकार के सामने अपनी बातें रखने का सबको अधिकार है। लेकिन, इसका ध्यान रखना जरूरी होता है कि जिस सेवा भाव के कारण समाज और देश- दुनिया में उसकी पहचान है, उसमें कमी नहीं आए। उनकी पहचान की चमक धूमिल न हो।
अरविन्द सिंह ने कहा कि हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों को भी यह सोचना चाहिए। डॉक्टर को धरती का भगवान कहा गया है, इसलिए समाज में उन्हें विशिष्ट सम्मान प्राप्त है। सुदूर गांव से मरीज कितनी आशा के साथ अस्पताल आते हैं । उन्हें विश्वास होता है कि वह स्वस्थ होकर घर लौट आएंगे, लेकिन कुछ मांगों की वजह से धरती के भगवान उनसे रूठ जाएं, तो मरीज रूपी उनके भक्तों के सामने क्या रास्ता है। कुछ पेशे ऐसे होते हैं जिनमें सेवा भाव ही सर्वोपरि होता है। उनमें से चिकित्सक का पेशा भी एक है। इसलिए डॉक्टर अपने मरीज के प्रति करुणा का भाव रखें।
उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर सरकार के साथ उनकी बातचीत हुई है और आगे भी होगी। लेकिन, हड़ताल की वजह से जिनकी जान चली जाएगी, वे लौटकर नहीं आ सकते। उनके परिजनों का धरती के भगवान से विश्वास उठ जाएगा।
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा था अश्विनी कुमार चौबे ने डॉक्टर से अपील किया है कि वे काम पर लौट आये। यह कोविड-19 की घड़ी है और नए सरकार का गठन तुरंत हुआ है। इस कारण थोड़ा विलंब हुआ है लेकिन सरकार इस कार्य में लगी हुई है। उनकी मांग पर सरकार विचार कर रही है। सरकार उनकी मांगों को देने के लिए कटिबद्ध है। जल्द ही डॉक्टरों की मांग पूरी होगी। वे काम पर लौट आये।