किसान बिल बिरोध में जमकर नारेबाजी करते हुये किया एनएच-31 जाम
बाढ़ : केंद्र सरकार द्वारा लाये गये किसान बिल के विरोध में महागठबंधन के घटक दलों एवं राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने एनएच-31 पर जमकर नारेबाजी करते हुये मुख्य मार्ग को जाम कर दिया,जिससे कि घण्टों यातायात बाधित रही और लोगों को काफी मशक्कत झेलनी पड़ी। अनुमंडल मुख्यालय के कचहरी चौक के पास भारत बंद समर्थकों के द्वारा किसान के हित में भारत बंद को लेकर एनएच 31 को राजद, कोंग्रेस, वामदल, जाप सहित सभी घटक दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने के एनडीए सरकार के विरोध में जोरदार नारेबाजी करते हुये सड़क जाम कर घण्टों यातायात बाधित कर दिया।
राजद के जिलाध्यक्ष महेश प्रसाद सिंह एवं वामदल के भोला शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार किसान बिल को वापस लें नही तो हमलोग जेल भरो अभियान जारी करेंगे।मौके पर राजद जिला प्रवक्ता मिथिलेश कुमार यादव उर्फ मिथ्थे भैया, कॉमरेड विनय कुमार, राजद के जितेंद्र कुमार यादव उर्फ जित्तू, उपेंद्र पासवान, कोंग्रेस के अधिवक्ता सतीश कुमार सिंह सहित कई लोग किसान के ऊपर लाये गये कानून को खत्म करने की मांग कर रहे थे।बहीं राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के जिलाध्यक्ष राणा विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में अनुमंडल के सवेरा सिनेमा हॉल मोड़ के पास किसानों के समर्थन में एनएच 31 को जाम करते हुये जमकर नारेबाजी की तथा जिलाध्यक्ष राणा विजय कुमार सिंह ने कहा कि किसान कानून एक्ट को काला कानून बताते हुये देश में पूंजी वादियों को बढ़ावा देने की बात कही।
इस दौरान प्रेम कुमार सिंह, विद्यानन्द सिंह, मन्नू कुमार, नगर अध्यक्ष मनोज सिंह, रबिन्द्र कुमार, अजय सिंह,मन्चुन सिंह, पंकज सिंह, अशोक सिंह, बब्बल सिंह, राकेश कुमार सिंह सहित करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की।उधर अनुमंडल के बख्तियारपुर प्रखण्ड में भी भारत बंद को लेकर व्यापक असर देखने को मिल रहा है।सुबह से ही महागठबंधन के नेता सड़को पर उतर कर सड़क जाम कर भारत बंद को सफल बनाये जाने में लगे है। वही राजद, सीपीआई, भाकपा, माले, कोंग्रेस सहित सभी घटक दलों के कार्यकर्ता सड़को पर उतर कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे है।वही भारत बंद को सफल बनायें जाने को लेकर राजद विधायक अनिरुध्द यादव भी मोर्चा संभाल लिये है और सड़कों पर उतर कर लोगो से भारत बंद को सफल बनाये जाने की अपील कर रहे है।केंद्र सरकार से कानून बापस लेने की मांग की।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट