समय की मांग है ‘सत्य’ और ‘तथ्य’ आधारित पत्रकारिता : संजय द्विवेदी

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नई दिल्ली : एजेंडा के आधार पर चलने वाली पत्रकारिता के बजाय आज सत्य पर आधारित पत्रकारिता समय की मांग है। अब पत्रकारिता का एक ऐसा मॉडल सामने आना चाहिए, जहां सत्य अपने वास्तविक स्वरूप में स्थान पा सके। मूल्य आधारित पत्रकारिता ही किसी भी समाज का लक्ष्य है। उक्त बातें रविवार को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज द्वारा आयोजित अटल जन्मोत्सव व्याख्यानमाला में भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय ​द्विवेदी ने कही।

‘पत्रकारिता में नैतिकता : मुद्दे और चुनौतियां’ विषय पर बोलते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारिता में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार या नैतिक भावना के साथ खिलवाड़ करने का परिणाम अंत में बुरा ही होता है। पत्रकारिता का उद्देश्य आम नागरिकों के हितों की रक्षा करना होता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के एक ऐसे मॉडल का हमें इंतजार है, जहां सूचनाओं के लिए समाज स्वयं खर्च वहन करे। समाज पर आधारित होने से मीडिया ज्यादा स्वतंत्र और ज्यादा लोकतांत्रिक हो सकेगा।

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प्रो. द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारिता का भविष्य बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि वह जिस मोड़ पर खड़ा है, वहां से किस रास्ते पर जाने को तैयार है। भविष्य कोई ऐसी चीज नहीं, जो प्रतीक्षा करने से हाथ आ जाए। इसका निर्माण करना पड़ता है। पत्रकार अगर पत्रकारिता का सुनहरा भविष्य चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए वर्तमान में स्वस्थ बीज बोने पड़ेंगे।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी ने आज पत्रकारिता के पूरे स्वरूप को बदल दिया है। तकनीक का इस्तेमाल हम अच्छे परिणामों के लिए करते हैं, लेकिन उसके साथ-साथ इसके कुछ दुष्परिणाम भी होते हैं। आज खबरें जितनी तीव्र गति से हर किसी के मोबाइल में पहुंच जाती हैं, उतनी ही तेजी से फेक न्यूज़ भी फैलाई जा रही है। हमें इससे सावधान रहने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिनेश सिंह ने किया एवं स्वागत भाषण तथा विषय प्रवर्तन प्रो. प्रदीप कुमार पांडेय ने किया। समारोह के अंत में कुलसचिव डॉ. अरुण कुमार गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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