नवादा : जिले के किसान एमएसपी पर धान बेचने के लिए टकटकी लगाए हुए है लेकिन जिले मे अबतक कहीं भी धान क्रय केन्द्र नही खुलने से उन्हे धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार ने बीते खरीफ मौसम मे धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति क्विनटल निर्धारित किया है। जिले मे 187 पैक्स और 14 व्यापार मंडल के माध्यम से किसानो का धान क्रय किया जाना है।पिछले महीने राज्य सरकार ने 15 नवम्बर से धान क्रय केन्द्र खोलने की घोषणा की थी।वह समय भी पांच दिन पहले बीत चुका है।
इस स्थिति से परेशान किसान बिचौलिए व्यापारियों से 1100 से 1150 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर अपना धान बेंचने को मजबूर हैं। एमएसपी पर सरकारी स्तर से धान नहीं खरीदे जाने से किसानो को प्रति क्विंटल लगभग 770 से 725 रुपये का नुकसान हो रहा है। इस साल हुई बेमौसम की बारिश से किसानो की खरीफ फसल की बडे पैमाने पर बर्बादी हुई थी।
जिन किसानो ने ऊंची जमीन में धान की फसल लगाई थी ,उनको अपेक्षाकृत कम नुकसान हुआ। ऐसे किसान अक्टूबर के अंत तक धान की फसल तैयार कर चुके हैं और अब उसे बेंच कर रबी की फसल लगाने के लिए खाद और बीज का जुगार करना है।
रबी मौसम की खेती 15 अक्टूबर से प्रारम्भ हो जाती है। गेहूं की बुआई भी किसान 15 नवम्बर से शुरू कर देते हैं।उन्हे इसके लिए खेत की जुताई ,खाद और बीज के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है जिसे वे अपनी पहली फसल बेंच कर इंतजाम करते है। उनकी इस मजबूरी का फायदा बिचौलिए व्यापारी उठाने लगे हैं। ऐसे व्यापारी जिले के विभिन्न प्रखंडों से प्रतिदिन दर्जनो ट्रकों पर धान लोड कर बाहर भेज रहे हैं। कुछ किसान सरकारी क्रय केन्द्र खुलने के इंतजार मे अपना धान बचा कर रखे हुए हैं लेकिन उन्हें यह भी पता नहीं है कि क्रय केन्द्र कबतक चालू होगा या चालू नहीं भी होगा।
जिले के किसानो का कहना है कि असमय बारिश होने से फसल बर्बाद जरूर हुई है लेकिन जिन किसानो की जमीन ऊंची थी ,वहां जलजमाव के बाबजूद धान की अच्छी फसल हुई हैः उनके सामने धान बेंचने की गम्भीर समस्या है। अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के डीही के किसान ललन सिंह बताते हैं उनके गांव में किसानो की फसल अच्छी हुई लेकिन खरीददार ही नहीं मिल रहा है। जिले में धान की अच्छी फसल हुई है। क्रय केन्द्र खुलने के इंतजार में वे किसान टकटकी लगाए हुए हैं।
जिला सहकारिता बैंक के उपाध्यक्ष चन्द्रिका प्रसाद यादव कहते हैं कि सरकारी क्रय केन्द्र नहीं खुलने के कारण बिचौलिए व्यापारी किसानो को धान की उचित कीमत नहीं दे रहे हैं। यदि क्रय केन्द्र खुल जाए तो बिचौलिए व्यापारी भी उसी अनुपात में किसानो से धान खरीदने को मजबूर हो जाएंगे।