भाजपा को सता रहा बागियों का डर, प्रदेश अध्यक्ष ने अनदेखी की बात स्वीकारी
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए एंटी इंकम्बैंसी के साथ-साथ बागियों के बगावत से ज्यादा परेशान है। ऐसा अभी तक कहा जा रहा था लेकिन, अब बागियों के कारण बढ़ती चिंता को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने स्वीकार लिया है। एक दैनिक अखबार के साथ इंटरव्यू में जायसवाल ने कहा कि बागियों के कारण जितना नुकसान भाजपा को हो रहा है, उतना ही नुकसान जदयू को भी हो रहा है।
इंटरव्यू में डॉ जायसवाल ने कहा कि दोनों दलों के बागियों के कारण एनडीए का नुकसान हो रहा है। वहीं, भाजपा के बागियों को चिराग के रूप में एक आश्रा मिल गया है। हालांकि, कार्यकर्ताओं को लेकर चूक हुई है, जिसके कारण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का स्वरूप खड़ा नहीं हो पाया। जायसवाल ने यह भी कहा कि पिछली बार नंदकिशोर यादव NDA के संयोजक थे, तो उन्होंने अच्छा काम किया था, लेकिन वह काम इस बार नहीं हो पाया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मंडल-जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं को समितियों में स्थान मिलना चाहिए था। 20 सूत्री समिति में हिस्सेदारी होने से कार्यकर्ताओं में एकजुटता होती थी, पर अभी ऐसा नहीं है।
बहरहाल, पार्टी ने जिसे टिकट दे दिया तो दे दिया अब बातें खत्म, लेकिन चुनाव के बाद इसमें सुधार करेंगे और नाराजगी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। हालाँकि, उनहोंने दावा किया कि नेता बागी हो सकते हैं, लेकिन कार्यकर्त्ता-समर्थक नहीं और हमलोग पूरी ईमानदारी से जदयू के साथ खड़े हैं।
बागी हुए नेताओं, जो बिगाड़ सकते हैं एनडीए (NDA) का खेल:-
दिनारा से राजेन्द्र सिंह, सासाराम से रामेश्वर चौरसिया, पालीगंज से डॉ उषा विद्यार्थी, झाझा से रविन्द्र यादव, सन्देश से श्वेता सिंह, जहानाबाद से इंदु देवी कश्यप, अमरपुर से मृणाल शेखर, महराजगंज से डॉ. देव रंजन सिंह, कदवां (कटिहार) से चंद्र भूषण ठाकुर, घोषी से राकेश कुमार सिंह, रघुनाथपुर से मनोज कुमार सिंह, जीरादेई से विनोद तिवारी, गौड़ाबौराम से राजीव कुमार ठाकुर, दरभंगा ग्रामीण से प्रदीप कुमार ठाकुर, बनियापुर से तारकेश्वर सिंह, एकमा से कामेश्वर सिंह मुन्ना, सुगौली से विजय प्रसाद गुप्ता, रानीगंज से परमानंद ऋषिदेव, अररिया से चंद्रशेखर सिंह बबन, मधेपुरा से साकार सुरेश यादव और बरारी से विभाषचंद्र चैधरी, रक्सौल से डॉ अजय कुमार सिंह, कस्बा से प्रदीप दास, बगहा से राघव शरण पांडे, बरारी से विभाष चंद्र चौधरी तथा विश्वमोहन कुमा, पूर्व सांसद सुपौल का।
वैसे कार्यकर्तों की अनदेखी का ही नतीजा है कि बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की सभा से लेकर रोड शो में अपेक्षित कार्यकर्ता और समर्थक नहीं पहुंच रहे हैं। इसका ताजा उदहारण है सीतामढ़ी में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का रोड शो, जहाँ उंगली पर गिनने लायक लोग पहुंचे थे।