कहीं टूट न जाए डिप्टी सीएम की परंपरा

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पटना: राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज बिहार में एनडीए के नेता के रूप में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से चुन लिया गया। वहीं, एनडीए के उपनेता का चयन हो गया है, लेकिन डिप्टी सीएम का चयन नहीं हो पाया है। इसको लेकर अभी तक हाइवोल्टेज ड्रामा जारी है। खबरों के मुताबिक इस बार दो डिप्टी सीएम होंगे। इसको लेकर तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी का नाम सबसे आगे दिखाया जा रहा है।

लेकिन, इन दोनों की नामों को लेकर अभी तक नीतीश कुमार सहमत होते नहीं दिख रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के एक बड़े नेता नीतीश के सामने इन दो नामों के अलावा एक केंद्रीय मंत्री का नाम सुझाया। इसके बाद नीतीश कुमार का कहना है कि डिप्टी सीएम का होना अतिआवश्यक तो नहीं है। यह कोई संवैधानिक पद नहीं है। नीतीश कुमार यह भी कहने से नहीं चूकते हैं कि डिप्टी सीएम से ज्यादा महत्वपूर्ण है, उन्हें कौन सा विभाग दिया जाता है। बात विभाग को लेकर करनी है तो कीजिये, मगर डिप्टी सीएम को लेकर नहीं।

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नीतीश कुमार के इस जवाब के बाद जिस केंद्रीय नेता ने तारकिशोर व रेणु के अलावा जिस तीसरे व्यक्ति का नाम सुझाया था, वे अब बेवस नजर आ रहे हैं। बहरहाल, अभी तक जो स्थिति बनी हुई है, उस अनुसार यही कहा जा रहा है कि इस बार बिहार डिप्टी सीएम विहीन रह सकता है अथवा डिप्टी सीएम की परंपरा ही खत्म हो सकती है।

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