भाजपा ने 7 बड़े नेताओं को पार्टी से निकाला, क्या नीतीश के दवाब में है कमल!

0

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन धर्म निभाने के कारण भाजपा की कई पारंपरिक सीटें जदयू के खाते में चली गई है। इसके कारण कई भाजपा नेता जदयू-भाजपा गठबंधन से अलग होकर कथित भाजपा-लोजपा गठबंधन चुनावी मैदान में उतर गए हैं। इनमें से कई नेताओं की गिनती पार्टी के कद्दावर नेताओं के तौर पर होती है।

लेकिन, एक बार पुनः गठबंधन धर्म की परंपरा का निर्वहन करते हुए पार्टी ने इन बागियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। पार्टी ने कार्रवाई करते हुए एक बार फिर 7 नेताओं को एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने की वजह से 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया है। इनमें से दो वर्तमान विधायक, चार पूर्व विधायक और एक पूर्व सांसद हैं।

swatva

पार्टी के जानकारों द्वारा कहा जा रहा है कि जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के दवाब में प्रदेश भाजपा को ऐसे निर्णय लेने पड़ रहे हैं।

पार्टी से निष्कासित नेताओं के नाम :-

1. विजय कुमार गुप्ता, पूर्व विधायक सुगौली

२. डॉ अजय कुमार सिंह, विधायक रक्सौल

३. प्रदीप दास, पूर्व विधायक कस्बा

4. राघव शरण पांडे, विधायक बगहा

5. विभाष चंद्र चौधरी, पूर्व विधायक बरारी

6. विश्वमोहन कुमा, पूर्व सांसद सुपौल

7 . किशोर कुमार मुन्ना, पूर्व विधायक सहरसा

इन नेताओं को बाहर निकालने के तर्क में लिखा गया कि आप लोग NDA के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं। आपका यह कार्य दल विरोधी है। जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है तथा पार्टी के अनुशासन के विरुद्ध आपने यह कार्य किया है। अतः आपको दल विरोधी कार्य के लिए प्रदेश अध्यक्ष के आदेशानुसार पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।

भाजपा के ग्रामीण कार्यकर्ताओं का आक्रोश इस बात को लेकर है कि पुराने कार्यकर्ताओं को बाहर निकाले जाने के बाद प्रदेश स्तर के कुछ नेताओं का तथाकथित जदयू-प्रेम पार्टी को गर्त तक ले जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here