बिहार चुनाव: सात निश्चय 2 ही होगा जदयू का चुनावी एजेंडा
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के बाद अब जदयू ने भी अपनी घोषणा पत्र जारी कर दी है। जदयू की तरफ प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी व अजय आलोक ने घोषणा पत्र जारी किया।
जदयू ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि इस बार हमारा घोषणा पत्र सात निश्चय पार्ट 2 ही होगा। इसके तहत हर घर बिजली हर खेत के लिए सिंचाई। हर घर नल का स्वच्छ गांव, समृद्ध गांव, घर तक पक्की गली नालियां, विकसित शहर। शौचालय निर्माण घर का सम्मान,सुलभ संपर्कता। अवसर बढ़े आगे पढ़े, सबके लिए स्वास्थ्य सुविधा। आर्थिक हल युवाओं को बल। युवा शक्ति बिहार की प्रगति। आरक्षित रोजगार महिलाओं को रोजगार देने का वादा किया है।
वहीं इस मौके पर जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि महागठबंधन 10 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा कर रहा है। लेकिन, हकीकत यह है कि उनमें से कई वेकैंसी पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही। अगर वाकई 10 लाख नौकरी देने की बात है तो वेतनमद में 58 हजार करोड़ रुपया कहाँ से आएगा?
उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं सेविकाओं के वेतन को दोगुना करने में 48 सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। जीविका की दीदियों को स्थायी नौकरी देने की बात की जा रही है। जिसपर बेहिसाब खर्च होगा जिसे पूरा करना संभव नही। महागठबंधन सिर्फ धोखा देकर लोगो को बरगलाने का काम कर रहा। वहीं, हमारा 7 निश्चय कार्यक्रम बुनियादी ढांचे को ठीक करेगा।
वहीं, घोषणा पत्र जारी करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार का कुल बजट 2 लाख 11 हजार करोड़ का है। 1 लाख करोड़ वेतन पर खर्च होता है और उतना ही विकास कार्यो पर खर्च होता है। तेजस्वी यादव जो घोषणा कर रहे उसके लिए 5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। तेजश्वी पैसा कहाँ से लाएंगे बताएं?
वहीं, जदयू प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि तेजश्वी यादव बिहार में 10 लाख मंगरुआ खोज रहे हैं। इनसे युवाओं को बस एक ही सवाल करना है मंगरुआ के ज़मीन कब लौटा रहे हैं?
बाकी सबकी जमीन लिखवाई सांसद, मंत्री, विधायक बनाने के लिए, यहां तक की अपने चाचा को भी नहीं छोड़ा। मंगरु यादव की भी ज़मीन हड़प ली इसलिए युवाओं से एक ही बात कहना है जब भी ये रोजगार का झूठा वादा करें, इनसे बस ये सवाल कीजिये मंगरु यादव की ज़मीन कब लौटाइयेगा?
अजय आलोक ने कहा कि बिहार में 1 लाख 74 हजार ही सरकारी पद रिक्त हैं। 4 लाख पद रिक्त होने का दावा गलत है।