पटना: देश के विभिन्न भागों में प्रवासी मजदूरों की संख्या को देखते हुए मनरेगा कार्यों का विस्तार किया गया है। अब रेलवे से संबंधित कार्य भी अब मनरेगा के माध्यम से किए जा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रेलवे स्टेशन तक पहुंच पथ का निर्माण, सिल्टेड खाई, नालियों का निर्माण, रेलवे की भूमि पर पौधरोपण आदि कार्य मनरेगा के माध्यम से सकेंगे। ग्रामीण विकास विभाग ने यह जानकारी दी।
रेलवे से संबंधित कार्य मनरेगा के माध्यम से कराए जाने से संबंधित सूचना सभी डीडीसी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दे दी गई है। इन कार्यों के संचालन एवं संपादन के लिए रेलवे भी जिला स्तर पर नोडल अफसर तैनात करेगा। रेलवे से संबंधित कार्यों की तकनीकी स्वीकृति भी वही देगा। रेलवे से जुड़े कार्यों का क्रियान्वयन सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही मनरेगा के माध्यम से किया जाएगा।
नई व्यवस्था के तहत लेवल क्रॉसिंग पहुंच पथ का निर्माण एवं उनके रखरखाव, रेलवे ट्रैक के साथ सिल्टेड नालियों का निर्माण ,मौजूदा रेलवे तट बंध पर वनस्पति का विकास, मिट्टी की खुदाई मरम्मत आदि काम भी अब मनरेगा के माध्यम से किए जा सकेंगे। नए कार्यों के जुड़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर बढ़ेंगे। रेलवे से संबंधित कार्यों को करने के लिए डीडीसी को एक करोड़ तक के खर्च की प्रशासनिक स्वीकृति देने की शक्ति दी गई है।
मनरेगा गाइडलाइन के हिसाब से यह कार्य जिला परिषद और पंचायत समितियां भी करा सकेंगे। जिला योजना का 50 भाग पंचायत स्तर पर खर्च होगा। रेलवे पहुंच पथ का निर्माण रखरखाव कार्य का कार्यान्वयन पंचायत रोजगार सेवक के माध्यम से होगा। रेलवे से जुड़े इन मजदूरों की जियो टैगिंग रोजगार सेवक ही करेंगे। खास बात यह है कि रेलवे अभिसरण से संचालित मनरेगा कार्य में समान की ढुलाई, कुशल अकुशल मजदूरों पर हुए खर्च को भी रेलवे वहन करेगा। रेलवे के मनरेगा से जोड़ने के कारण वर्षा काल में भी लाखों ग्रामीणों को रोजगार मिल सकेगा। कहीं पर बारिश और बाढ़ के कारण काम नहीं रुकेगा। रेलवे ही सामग्री मद से मजदूरों को भुगतान करेगा।
ग्रामीण विकास मंत्री के मुताबिक रेलवे के द्वारा भुगतान करने के कारण 25% राज्यांश की बचत होगी, जिससे अतिरिक्त मनरेगा योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। साथ ही अतिरिक्त मानव दिवस का सृजन होगा। इस तरह के कार्यों में हुए खर्च का 40% भाग रेलवे उठाएगा। केंद्र सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया था सरकार ने अब रेलवे से यह जानना चाहा है कि मनरेगा के माध्यम से कितने जगह काम शुरू कराए गए हैं।
कितने लोगों को रोजगार दिया गया है। यदि किसी रेल मंडल में आशानुरूप काम नहीं हुआ होगा तो वहां रेलवे से अधिक काम कराने का आग्रह भी किया जाएगा।