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फर्जी कागजातों के सहारे सरकारी भूमि पर कब्जा करना आसान नहीं

पटना: राज्य में अब जमीन के फर्जी कागजातों के सहारे किसी भी तरह के सरकारी जमीन पर कब्जा करना आसान नहीं होगा। इस तरह की घटनाओं पर अब कारगर रोक लगेगी। राजस्व विभाग ने सरकारी जमीन की रक्षा के लिए कई चाक-चौबंद उपाय किए हैं। दरअसल , विभिन्न जिलों में व्यवहार न्यायालय में टाइटल सूट के मामलों में प्राय गड़बड़ करने वाले लोग जमीन के फर्जी कागजात को दिखाकर, अदालत को गुमराह कर सरकारी जमीन पर अपना कब्जा जमा लेते हैं । क्योंकि सरकारी अफसर उस मामलों में उदासीन रहते हैं इसलिए न्यायालय इस तरह के मामलों में प्राय एकपक्षीय फैसला दे देता है।

इसी तरह के एक मामले के प्रकाश में आने के बाद हाई कोर्ट ने राजस्व विभाग को कारगर उपाय करने का निर्देश दिया। इस तरह के एकपक्षीय फैसले की रोकथाम के लिए राजस्व विभाग ने मुख्यालय स्तर पर एक समिति गठित की है । साथ ही जिला और अनुमंडल स्तर पर परामर्श दात्री समितियां गठित करने का निर्देश दिया है।

अब ऐसे मामलों में सरकार का पक्ष नहीं रखने वाले राजस्व कर्मियों को दंडित किया जाएगा। अगर ऐसी ही गलती से भी दूसरे पक्ष को मिल जाती है तो राजस्व कर्मियों से उस जमीन के बाजार मूल्य के बराबर की राशि वसूल की जाएगी। भूमि को हड़पने के किसी भी ऐसे मामले में संबंधित क्षेत्र के अंचलाधिकारी, डीसीएलआर और एसडीओ को भी दोषी माना जाएगा। विभाग ने ऐसा टाइटल सूट में होने वाले एकपक्षीय डिग्री पर रोक लगाने के लिए किया है।

दरअसल, सरकार ने पाया है कि गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, केसर ए हिंद की भूमि, खासमहाल की भूमि, भूमि अर्जन अधिनियम से मिली भूमि, भू हदबंदी से मिली भूमि, पंचायती राज संस्थाओं की भूमि, नगर निकायों की भूमि, विभिन्न सरकारी विभागों की भूमि पर साजिशन कब्जा हो रहा है। ऐसा करने वालों के विरुद्ध जिला समाहर्ता भी व्यवहार न्यायालय में अपील करेंगे। प्रति शपथ पत्र दायर करने के बाद ही निर्णय लेने का अनुरोध करेंगे।

इसके अलावा सरकारी भूमि की मौजावार एवं अंचलवार विवरण बनाया जाएगा और उसे निबंधन कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा ताकि सरकारी भूमि के फर्जी निबंधन पर रोक लग सके। सरकारी भूमि का विस्तृत विवरण तैयार किया जाएगा और उसका डिजिटल पंजी संधारित की जाएगी।