पटना: राज्य सरकार ने सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) के कामकाज पर कड़ी नकेल कसी है। अब उनके कामकाज की ना सिर्फ रैंकिंग हो रही है बल्कि ग्रेडिंग के साथ उन पर नज़र रखी जा रही है। लापरवाही के मामले सामने आने पर अब दंडित भी किया जाएगा। सरकार ने इस संबंध में तैयारी भी शुरू कर दी है । पहले चरण में करीब दर्जनभर डीसीएलआर पर गाज गिरेगी।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने उनके कामकाज की जांच पड़ताल के लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र भी भेज दिया गया है। दरअसल, राज्य में दाखिल खारिज के अपील संबंधी मामलों में लगातार ढिलाई की शिकायत के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। अच्छा काम करने वाले अफसरों को पुरस्कृत करने और सम्मानित करने का भी निर्णय लिया गया है।
विभाग हर माह उनकी रैंकिंग करेगा एवं सभी कार्यों पर नंबर दिए जाएंगे। मसलन अंचल एवं हल्का कर कार्यालयों का निरीक्षण करने पर 20 नंबर मिलेंगे। अतिक्रमण हटाने पर 10 नंबर और अंचल कार्यालयों में म्यूटेशन कार्यों के निपटारे एवं उनके पर्यवेक्षण करने पर 40 नंबर मिलेंगे। जिलाधिकारियों को हर माह के कार्य का मूल्यांकन समय पर करने को कहा गया है।
पिछले माह के मूल्यांकन में यह पाया गया कि 101 अनुमंडल में तैनात डीसीएलआर के कोर्ट सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं यह कोर्ट से रेगूलर नहीं बैठ रहे हैं। छोटे-छोटे मामलों की सालों तक लंबी सुनवाई होती है । पिछले मूल्यांकन में पाया गया कि फारबिसगंज को छोड़कर कहीं भी म्यूटेशन के अपील संबंधी मामलों की सुनवाई नहीं हुई। उसके लिए सभी डीएसएलआर को कड़ी चेतावनी भेजी गई है। प्रारंभिक जांच में है उनके कामकाज के कोताही के कई मामले सामने आए हैं। भोजपुर का पीरो, गया, दरभंगा, सीतामढ़ी, चंपारण गोपालगंज ,शिवहर ,मधेपुरा आदि जिलों के अधिकतर अनुमंडलों में उनका कामकाज और असंतोष जनक पाया गया है।