हिंदुओं के व्यवहार से लाख नाराजगी के बावजूद बाबा साहब अंबेडकर ने इस देश के साथ कभी गद्दारी नहीं की- बबन रावत

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अनुसूचित जाति आयोग (बिहार सरकार) के पूर्व सदस्य बबन रावत ने कहा कि हिंदुओं के व्यवहार से लाख नाराजगी के बाद भी बाबा साहब डॉ.अंबेडकर ने इस्लाम या ईसाइयत को स्वीकार्य नहीं किया। न ही योगेन्द्रनाथ मंडल की तरह पाकिस्तान को अपना हम वतन बनाया। बल्कि बाबा साहब ने भारत भूमि में जन्में बौद्ध धर्म को स्वीकार्य कर भारत को एक और टुकड़ा होने से बचा लिया। अतः अंबेडकर से बड़ा राष्ट्रभक्त दूसरा कोई नहीं।

लेकिन आज इस देश के कुछ दलित नेता योगेन्द्रनाथ मंडल के रास्ते पर चल रहे हैं। ऐसे नेताओं का हश्र मंडल जैसा होगा। न घर के रहेंगे न घाट के। मिस्टर जिन्ना के प्रभाव में आकर योगेन्द्रनाथ मंडल लाखों दलितों के साथ भारत छोड़ पाकिस्तान चले गए। यह उनकी सबसे बड़ी भूल थी। मंडल ने दूसरी सबसे बड़ी गलती भारत के टुकड़े करने में उनकी भूमिका थी।

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बबन रावत ने कहा कि पाकिस्तान के संविधान निर्माण में योगेन्द्रनाथ मंडल का बड़ा योगदान रहा। वे कानून के बहुत बड़ा जानकर थे। वे पाकिस्तान के प्रथम कानून मंत्री भी बने परंतु पाकिस्तान के निर्माण के कुछ महीने बाद से ही पाकिस्तान में दिन्दू/ दलितों के साथ भयंकर अत्याचार शुरू हो गया। यहाँ तक कि हिन्दू/दलित महिलाओं के साथ जबरन सामूहिक ब्लात्कार भी होने लगा।

यह पीड़ा योगेन्द्रनाथ मंडल से बर्दाश्त नहीं हुई और वे कानून मंत्री के पद से इस्थिपा देकर अकेले भारत लौट आये। छोड़ दिए अपने लाखों दलित भाई बहनों को अपने हाल पर अत्याचार सहने के लिए पाकिस्तान में।

मुस्लिम लीग के साथ गलबहिया करने का उनका सारा ख्वाब चूर चूर हो गया। अंत में गुमनामी के दौर में योगेन्द्रनाथ मंडल अपनी अंतिम साँसें भारत भूमि पर ली। मरने के बाद दो गज जमीन भी उन्हें भारत में ही नसीब हुई।

रावत ने कहा कि अतः बाबा साहब अंबेडकर से योगेन्द्रनाथ मंडल की तुलना नहीं की जा सकती। बाबा साहब अंबेडकर राष्ट्र भक्त थे पर योगेन्द्रनाथ मंडल पाकिस्तान परस्त। बाबा साहब अंबेडकर की जिन्ना से कभी नही बनीं, जबकी जिन्ना के बिछाए जाल में योगेंद्रनाथ मंडल फंस गए और भारत के साथ गद्दारी की।

बबन रावत का कहना है कि बिहार और उत्तर प्रदेश सहित भारत के अन्य हिस्सों से जो मुसलमान बंटवारे के समय पाकिस्तान चले गए उन्हें आज भी पाकिस्तान में मुहाजिर कह कर पुकारा जाता है अर्थात वहाँ उनके साथ नंबर दो के नागरिक जैसा व्यवहार होता है।

सावधान, भारत भूमि से बड़ा लोकतांत्रिक देश दुनिया में कोई नहीं है। यहाँ हर धर्म के लोगों को आजादी है। अतः इस देश के कुछ दलित नेताओं से कहना चाहता हूँ विदेशी साजिश का हिस्सा मत बनो। वर्ना तुम भी योगेन्द्रनाथ मंडल की तरह न घर के रहोगे, न घाट के। अंबेडकर बनो और इस राष्ट्र से प्यार करो। ध्यान रखो, जाने अनजाने में तुम्हारा यूज कोई विदेशी ताकते इस देश को कमजोर करने के लिए तो नहीं कर रही है ?

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