कांग्रेस अपने कर्णधारों के कारण तेजी से अपने अवसान की तरफ़ बढ़ रही- संजय जायसवाल

0

पटना: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवल ने कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जरिये निशाना साधा है। डॉ जायसवाल का कहना है कि कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक वैसे तो उनका आंतरिक मामला है, लेकिन वे स्क्रिप्ट इतनी लचर लिखते हैं कि हंसी ही आती है। हमने एक सप्ताह पहले ही कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चल रही उठापटक भाई-बहन की राजनीतिक नौटंकी के अलावा कुछ और नहीं है और CWC की मैराथन बैठक ने उसे चरितार्थ करके दिखा दिया।

जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस की हालत देख दया भी आती है कि एक परिवार के भरोसे पड़कर क्या दशा हो गयी है। हमारे इधर एक कहावत है- अंधा बांटे रेवड़ी, अपनों को ही देय। कांग्रेस पार्टी में अध्यक्षता के नाम पर चले इस नाटक की पटकथा इतनी लचर, अनाकर्षक और प्रत्याशित हो गयी है कि उस पर कुछ न ही कहा जाए, तो बेहतर है।

swatva

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पर मियां की दौड़ मस्जिद तक, वाली कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है। 7 घंटों तक मैराथन मीटिंग होती रही, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन-पात। ओल्ड गार्ड बनाम युवा खून का नाटक भी चला। 50 वर्ष के राहुल गांधी को जब युवा खून कहा जाता है, तो आप सिवाय हंसने के और कर ही क्या सकते हैं?

देश की सबसे पुरानी पार्टी में सोनिया और राहुल के अलावा अध्यक्ष पद का कोई और दावेदार ही नहीं मिलता है, यहां तक कि प्रियंका वाड्रा के भी नाम पर विचार नहीं होता है। यह कांग्रेस के किस रुख को दिखाता है, आप खुद तय कर लें।

सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में एक बार फिर सोनिया गांधी को ही पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया है। उसके पहले घिसे-पिटे रिकॉर्ड को ही बारहां बजाया गया। किसी ने खून से भरी चिट्ठी भेजी, तो किसी ने ज़हर ही उठा लिया। वैसे, हमें पता है कि जब तक चिर-अधेड़ राहुल गांधी अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं होंगे, तब तक सोनिया गांधी ही अध्यक्ष बनती रहेंगी। जिस कांग्रेस का कभी एक गौरवशाली इतिहास हुआ करता था, वह अब चिंदियों में बिखरकर इतिहास के कूड़ेदान में जाने को तैयार है।

तस्वीर डॉ जायसवाल के सोशल मीडिया एकाउंट से ली गई है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इंदिरा गांधी के समय भी कांग्रेस (आई) हो चुकी थी..अब राहुल गांधी के समय कांग्रेस (गयी) हो चुकी है। सोनिया गांधी से पहले भी राहुल ही पार्टी के अध्यक्ष थे। पूरी पार्टी इसी खानदान के चरणों में नत मस्तक है। इस परिवार के खिलाफ बोलने का नतीजा कुछ दिनों पहले संजय झा ने भुगता था और अब चिट्ठी लिखने वाले 23 नेता भुगत रहे हैं। बहरहाल इतना तय है कि कांग्रेस अब अपने कर्णधारों के कारण तेजी से अपने अवसान की तरफ़ बढ़ रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here