चौबे की दो टूक, बिहार के सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों के निर्माण कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं

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पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने प्रधान मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना अंतर्गत बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में तैयार हो रहे सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि किसी भी तरह की कोताही या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कई प्रोजेक्ट काफी विलंब से चल रहे हैं। इस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की।

उन्होंने दरभंगा एवं मुज़फ़्फ़रपुर में सुपर स्पेशलिस्ट अस्पतालों में अगले महीने तक कम से कम 1 ब्लॉक एवं हर महीने अन्य दूसरे ब्लॉकों को तैयार करने का निर्देश दिया है। ताकि यहां पर यथा शीघ्र ओपीडी की व्यवस्था शुरू हो जाए। अन्य जगहों पर जहां पर सिविल वर्क 40 फीसदी से अधिक हो चुका है। वहां पर साथ-साथ मेडिकल इक्विपमेंट लगाने के कार्यों में भी तेजी लाई जाए। चौबे ने राज्य सरकार से भी आग्रह किया कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो जाए जिससे जब ओपीडी की सेवा शुरू हो तो किसी तरह की परेशानी ना हो।

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बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीपीडब्ल्यूडी के डीजी, बिहार के एसई, चीफ इंजीनियर, हाइट्स के डीजी शामिल हुए। बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुनील शर्मा भी उपस्थित थे।

अश्विनी चौबे ने कुछ माह पूर्व सभी सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों का ऑन द स्पॉट निरीक्षण किया था। इसके उपरांत निर्माण एजेंसियों के साथ दिल्ली में बैठक की थी।

प्रतिदिन अधिकारी करें समीक्षा

चौबे ने श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज दरभंगा, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज गया, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज भागलपुर, आईजीआईएमएस व पीएमसीएच पटना में चल रहे सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की तैयारियों एवं निर्माण कार्यों की बिंदुवार समीक्षा की।

चौबे ने समीक्षा के उपरांत कहा कि निर्माण कार्यों में किसी तरह की ढील न बरती जाए। प्रतिदिन अधिकारी कार्यों की मॉनिटरिंग करें। कोरोना संक्रमण काल की वजह से काम में रुकावट आई है। अब जब काम का सिलसिला शुरू हुआ है तो कार्यों में गति प्रदान की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रतिदिन कार्य की समीक्षा करें।

श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर में बन रहे सुपर स्पेशलिटी के कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की। हाइट्स द्वारा अपग्रेडेशन का काम यहां पर किया जा रहा है। सिविल वर्क 67.30% हो चुका है। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज दरभंगा में भी हाइट्स द्वारा काम किया जा रहा है। सिविल वर्क 73.59 % हो चुका है। गया गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज का कार्य सीपीडब्ल्यूडी द्वारा किया जा रहा है। यहां पर 53 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, भागलपुर में 40 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा कर लिया गया है। मेडिकल इक्विपमेंट साथ-साथ लगाने को भी निर्देशित किया गया है। आईजीआईएमएस एवं पीएमसीएच पटना का भी अपग्रेडेशन सीपीडब्ल्यूडी द्वारा कराया जा रहा है।

किसी भी तरह की परेशानी होने पर मंत्रालय से समन्वय स्थापित करें

अश्विनी चौबे ने कहा कि किसी भी तरह की परेशानी होने पर मंत्रालय के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करें। जिला एवं राज्य स्तर पर जो समस्याएं हों। इसके लिए स्थानीय प्रशासन से लगातार संपर्क में रहें। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से भी नियमित संपर्क में रहें ताकि किसी भी तरह की समस्या होने पर उसके समाधान में मदद उपलब्ध कराई जा सके।

स्थानीय श्रमिकों को मिले प्राथमिकता

चौबे ने कहा कि निर्माण कार्य में स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इसका विशेष ध्यान दिया जाए। रोजगार के दृष्टिकोण से भी स्थानीय श्रमिकों को इससे फायदा मिलेगा। घर के पास ही उन्हें रोजगार उपलब्ध होगा। उन्होंने निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों को स्थानीय स्तर के श्रमिकों को कार्यों में प्राथमिकता देने को निर्देशित किया।

 

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