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बिहार ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ग्राम्य सड़क योजनाओं के अनुरक्षण के लिए केन्द्र से मांगी मदद

पटना: राज्य में 15 हजार करोड़ से अधिक की लागत से ग्रामीण सड़कों के शिलान्यास, उद्घाटन के मौके पर आयोजित वर्चुअल समारोह को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पहली बार देश में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए ‘प्रधानमंत्री ग्राम्य सड़क योजना’ शुरू की थी। बिहार में अब तक ग्रामीण सड़कों के निर्माण पर 64,199.20 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। पिछले पांच वर्षों में ग्रामीण सड़कों के अनुरक्षण पर 4,668 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। आने वाले वर्षों में यह खर्च और बढ़ेगा, इसीलिए 15 वें वित्त आयोग को पूरक ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री ग्राम्य सड़क योजनाओं के अन्तर्गत निर्मित सड़कों के अनुरक्षण के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की गई है।

सुशील मोदी ने कहा कि गांव-गांव सड़क, बिजली और पानी पहुंच जाने के कारण अब गांव और शहरों के बीच का फर्क खत्म हो गया हैं। गांवों व टोलों को बारहमासी एकल सम्पर्क पथ से जोड़ने व नली-गली पक्कीकरण की योजना अंतिम चरण में है।

पांच किमी तक की ग्रामीण सड़कों के किनारे मनरेगा तथा उससे अधिक लम्बी सड़कों के किनारे वन विभाग की ओर से पौधारोपण किया जाएगा। 2012-13 से लेकर 2019-20 तक सड़कों के किनारे 4 करोड़ 70 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। अगली बार से पथ निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग के बजट में ही पौधारोपण का प्रावधान किया जाएगा। पूर्व से ही सरकार निर्णय ले चुकी है कि सड़कों के निर्माण के लिए पेड़ों को नहीं काटा जाएगा, अगर जरूरत पड़ी तो डिजायन में बदलाव और पेड़ों को स्थानांतरित किया जाएगा।