भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आयकर व्यवस्था में बदलाव किए जाने पर ईमानदार आयकर देने वालों को भ्रष्ट आयकर अधिकारियों से मुक्ति मिल जाएगी। ईमानदार आयकरदाता परेशानियों से वंचित हो जाएंगे। आयकर मामले में उन्हें डर समाप्त हो जाएगी।
मोदी सरकार ने आजादी के 73 वर्ष बाद एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए आयकर प्रणाली को पारदर्शक बना दिया। जिसे नाम दिया गया है चेहरा विहीन मूल्यांकन, करदाता अधिकार-पत्र और तीसरा चेहरा विहीन पुनर्विचार। इस नए कानून में बदलाव के लिए मोदी सरकार अभिनंदन के पात्र है। अब आयकर विभाग में भ्रष्टाचार का खात्मा तय है। वर्षों से आयकर अधिकारियों से परेशान और भय से पीड़ित ईमानदार करदाता को जुगाड़ और सिफारिश अपनाने का तरीका नहीं ढूंढना पड़ेगा।
भविष्य में इस बदलाव से नए करदाता तेजी से उभरेंगे। वर्मा ने कहा कि इस बदलाव से करदाता को कर अधिकारी से मिलने की और आयकर कार्यालय जाने की कोई जरूरत नहीं होगी।
अब कंप्यूटर तय करेगा देश का कौन सा अधिकारी कर का मूल्यांकन करेगा तथा उस अधिकारी का चेहरा करदाता नहीं जान पाएंगे। कर अधिकारी का चुनाव भी कंप्यूटर ही तय करेगा। कंप्यूटर ही कर अधिकारी का आवंटन, मामले का समीक्षा और मामले में अंतिम रूप स्वचालित तरीके से ही देगा। आयकर विभाग में बड़े पैमाने पर पूरे देश में भ्रष्टाचार चरम पर था।
ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए अधिकारी व कर्मचारी जुगाड़ टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर मनमाफिक स्थानों पर जाने के लिए वेताब रहते थे। इसके एवज में मनमाफिक स्थानों पर जाने के लिए धनबल का प्रयोग होता था और वह धन भी करदाता से ही
वसूला जाता था।
अब इस कानून में बदलाव से क्षेत्राधिकार का मामला, दबाव की राजनीति, नए-नए हथकंडे का प्रयोग, अनावश्यक मुकदमें बाजी और मानसिक प्रताड़ना की बात खत्म हो जाएगी। करदाता, आयकर विभाग का प्रश्न का उत्तर अब ऑनलाइन देंगे और उनका निपटारा भी प्रभावपूर्ण, ईमानदारी से और तेजी से होगा। इतना ही नहीं करदाता अधिकार पत्र में कई खूबियां है। अब करदाता को ईमानदार माना जाएगा।
टैक्स अधिकारी और कर्मचारी को अब करदाता के साथ अच्छा और ईमानदार व्यवहार करना होगा। करदाताओं को आयकर विभाग से किसी भी मामले में पूर्ण और सटीक जानकारी मिलेगी। किसी भी विवाद का निर्णय समय पर होगा, जिससे करदाता को समय और धन की बचत होगी। अब करदाता को टैक्स की सही और उचित राशि का भुगतान करना पड़ेगा। करदाता की गोपनीयता भी भंग नहीं होगी। अधिकारियों की जवाबदेही भी तय हो जाएगी। करदाता को अपने मन-मुताबिक प्रतिनिधि चुनने का मौका मिलेगा।
करदाता, नए बदलाव का लाभ तभी उठा पाएंगे, जब वे ईमानदार होंगे। वहीं दूसरी ओर वैसे करदाता जिन का मामला गंभीर, धोखाधड़ी से युक्त तथा अंतरराष्ट्रीय मामला से जुड़ा हो, ऐसी स्थिति में नया बदलाव उन पर नहीं लागू होगा। इतना ही नहीं जिस मामले में संवेदनशील जांच की जरूरत हो, काला धन अधिनियम से जुड़ा मामला तथा बेनामी संपत्ति से जुड़ा मामला भी इस नए बदलाव में शामिल नहीं है। इस तरह के मामलों को नए बदलाव से दूर रखा गया है।