पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि भारत में एक खास समुदाय के मुट्ठी भर लोगो का धर्म के नाम पर दंगा कराना चलन सी हो गई है। दंगा कराने के लिए पहले किसी चीज को प्लांट करते हैं। उसी प्लांटिंग के आधार पर दंगा के लिए दूसरे समुदाय के घरों पर धावा बोल देते हैं और मार-काट शुरू कर देते हैं।
उन्होने कहा कि जिनके घर पर धावा बोला जाता है, जब तक वे संभलते हैं, तब तक उनकी हत्या हो जाती है। यही खास समुदाय के मुट्ठी भर लोगों की दंगा करने की खासियत है। यह ऐसा समुदाय है, जिनके मुट्ठी भर लोग विश्व के कोने-कोने में रहकर जिस थाली में खाते हैं, उसी थाली में छेद करते रहते हैं। ये घृणा के पात्र हैं। यही मुट्ठी भर लोग जिहादी बनकर अपने पूरे समुदाय पर कंट्रोल रखते हैं तथा देश की आर्थिक स्थिति को तो कमजोर करते ही हैं, वही अपने ही समुदाय के अधिकांश भले लोगों को भी बर्बाद कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि इन जिहादियों का संरक्षण, इसी समुदाय के पढ़े-लिखे लोग पैसे ले कर देते हैं। पैसे के कर्जदार होने के कारण पढ़े लिखे लोग भी अपने समुदाय के अन्य लोगों को बरगलाने का काम करते हैं। यही लोग विश्व भर में एक-दूसरे से जिहादी संगठन के नाम पर तालमेल बनाए रखते हैं। बेंगलुरु की दंगा इसी मुट्ठी भर लोगों की मानसिक उपज है।
वर्मा ने कहा कि ये दंगाई लोग धर्म के नाम पर पूरे देश में दंगा फैलाना चाहता है ताकि भारत की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो जाए और दूसरे धर्म के लोग में भय व्याप्त हो जाए। दंगाइयों की मनसा को असफल बनाने एवं उनके जड़ में ही मट्ठा डाल देने की जरूरत है ताकि उनका जड़ सदा के लिए नष्ट हो जाए।
वहीं दूसरी ओर, मोदी सरकार द्वारा इस समुदाय के लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और जीवन स्तर को सुधारने की निरंतर प्रयास किया जा रहा है तथा इनको मुख्य धारा से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार प्रयासरत है। इसके बावजूद इस समुदाय के लोग प्रधानमंत्री के प्रयास को असफल बनाने में जुटे हुए हैं।
पप्पू वर्मा ने कहा की वर्तमान में जरूरत है कि पूरे देश में मस्जिद, मदरसा खानकाह, ईदगाह इत्यादि स्थानों में सर्च ऑपरेशन चलाकर पता लगाया जाए कि इन स्थानों पर किस उद्देश्य से, कितनी संख्या में, कौन-कौन तरह के और कहां के लोग आते रहते हैं। इसकी पूर्ण पड़ताल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उनके कुछ सूत्र बताते हैं कि इन्हीं स्थानों से पूरे देश भर में षड्यंत्र रचकर दंगा कराने की योजना बनता है। इनकी आर्थिक स्थिति को भी तोड़ने की जरूरत है।
वर्मा ने केंद्र सरकार से मांग किया है कि ईडी की एक अलग जांच विंग बनाया जाए जो केवल यह देखने का कार्य करेगी कि हवाला और अंतरराष्ट्रीय माफियाओं से इन्हें रुपए कैसे मिल रही है । जिन माध्यमों से इन्हें पैसे आ रही है, उन माध्यमों को जाम करने की आवश्यकता है। चीन, पाकिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब जैसे देशों से धर्म के नाम पर आने वाला पैसा पर भी कड़ी नजर रखने की जरूरत है ।