किसी विरोधी दल ने पाकिस्तानी नक्शे के विरोध में बात नहीं की, क्या राहुल अब पाकिस्तान में सियासी ठौर तलाशेंगे- सुमो
पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान ने पहली बार ऐसा नक्शा जारी कर भारत में धारा-370 की समाप्ति और राम मंदिर के लिए भूमिपूजन जैसे दो बड़े आंतरिक मामलों में अपनी हदें पार कीं।
सुशील मोदी ने कहा कि जूनागढ़ की कोई सीमा पाकिस्तान से नहीं मिलती और भारत में इस रियासत के विलय का मामला आजादी के तुरंत बाद हल कर लिया गया था। वहां जनमत संग्रह में केवल 90 लोगों ने पाकिस्तान में विलय का समर्थन किया था। जनमत संग्रह में करारी हार के बाद जूनागढ़ का नवाब पाकिस्तान भाग गया था।
उन्होंने कहा कि जूनागढ़ से इमरान खान की चिढ़ इसलिए है कि वहां सोमनाथ का मंदिर है और भारत में इसके विधिवत विलय के समय तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण की घोषणा की थी। नेहरू के विरोध के बावजूद सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ और भारतरत्न डा़ राजेद्र प्रसाद उसके प्राण-प्रतिष्ठान अनुष्ठान में सम्मिलित हुए।
सुमो ने बताया कि जूनागढ़ के उसी सोमनाथ मंदिर से लालकृष्ण आडवाणी ने 1990 में राम रथयात्रा प्रारम्भ की थी, जिसकी सफलता अब भव्य राम मंदिर के रूप में साकार होने वाली।
विडम्बना यह कि कांग्रेस, राजद और वामदल सहित किसी विरोधी दल ने पाकिस्तानी नक्शे के विरोध में ट्वीट तक नहीं किया, जबकि पाकिस्तान का पूरा विपक्ष इमरान सरकार के साथ खड़ा हुआ।
क्या भारत के विपक्षी दलों के ऐसे रवैये पर उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठने चाहिए?
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-A समाप्ति के एक साल पूरा होने पर सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 समाप्त करने का जो ऐतिहासिक फैसला लिया, उसके एक साल पूरे होने पर कोरोना और कर्फ्यू के बावजूद जम्मू से लद्दाख तक लोगों ने खुशी मनायी।
दूसरी ओर इससे एक दिन पहले पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और गुजरात के जूनागढ़ को अपना बताने वाला आपत्तिजनक नक्शा जारी कर अपनी बौखलाहट का इजहार किया।
राहुल गांधी ने धारा-370 और 35A को हटाने का संसद से सड़क तक विरोध कर पाकिस्तान की कूटनीतिक मदद की और अब पाकिस्तान की खुशी के लिए उसकी नकशा-शरारत पर खामोशी ओढ़ ली। मुस्लिम बहुल वायनाड से सांसद बने राहुल क्या अब पाकिस्तान में सियासी ठौर तलाशेंगे?