सुमो का बिहारवासियों से आग्रह, श्रीराम में आस्था रखने वाले भूमिपूजन के दिन शाम में अपने घर पर श्रद्धा के दीप जलायें

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पटना: आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भूमिपूजन होना है। लेकिन, इसको लेकर देश में राजनीति तेज है। राममंदिर का विरोध करने वालों को जवाब देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कई दशकों के कठिन संघर्ष, संतों के मार्गदर्शन और हजारों कारसेवकों के त्याग-बलिदान के बाद जब अयोध्या में भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण हेतु 5 अगस्त को भूमि पूजन होने वाला है, तब देश-विदेश में बसे करोड़ों हिंदुओं के लिए यह गौरव का विषय है।

उन्होनें अन्य ट्वीट में कहा कि राम मंदिर आंदोलन में बिहार से लाखों ने भाग लिया था और यहीं के कामेश्वर चौपाल ने शिलान्यास की पहली ईंट रखी थी।भूमिपूजन कार्यक्रम में भी बिहार से लाखों लोग पहुंचते, लेकिन कोरोना काल में यह सम्भव नहीं।

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श्रीराम के आदर्शों में आस्था रखने वाले सभी बिहारवासियों से विनम्र आग्रह है कि वे टीवी पर ही भूमिपूजन कार्यक्रम का दर्शन करें और शाम को अपने-अपने घर पर श्रद्धा के दीप जलायें।

सुशील मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर स्थित सदियों प्राचीनों मंदिर को ध्वस्त कर जो विवादास्पद ढांचा खड़ा किया गया था, वह इस्लाम के उसूलों के मुताबिक इबादत-नमाज के लिए कोई पाक जगह नहीं थी, लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वाली कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों ने वहां पुन: श्रीराम मंदिर के निर्माण की हिंदू समाज का लगातार विरोध किया।

जब इस राजनीति के प्रतिरोध में राम मंदिर आंदोलन का जन्म हुआ और राम रथ यात्रा निकालनी पड़ी, तब लालू प्रसाद ने समस्तीपुर में रथयात्रा रोक कर देश की बहुसंख्यक जनता की भावना को ठेस पहुंचायी थी। कांग्रेस और राजद आज भी रामकाज में बाधा डालने के कुतर्क दे रहे हैं। कोई महूर्त को अशुभ बता रहा है, तो कोई प्रधानमंत्री के हाथों भूमिपूजन का विरोध कर रहा है।

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