कोरोनाकाल में भी सियासत करने से बाज नहीं आ रहे तेजस्वीः मंगल पांडेय
नेता प्रतिपक्ष को कुछ दिखायी नहीं पड़ता, बंद कमरे में खेलते ट्वीट-ट्वीट
पटना: कोरोना संकट को लेकर नेता प्रतिपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व सूबे के स्वास्थ्य मंत्री के प्रति काफी मुखर रहे हैं। तेजस्वी यादव लगातार मंगल पांडेय को निशाने पर लेते रहे। इसको लेकर अब मंगल पांडेय ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग कोरोना से निपटने को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है।
उन्होंने कहा कि जांच में तेजी लाने के साथ-साथ मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए संसाधनों के अलावे आइसोलेशन सेंटरों में बढ़ोतरी की जा रही है। बावजूद नेता प्रतिपक्ष हर दिन ट्वीट और बयानबाजी कर सरकार के काम पर सवाल उठा रहे हैं। ट्वीट करने के लिए वे शब्दकोष से शब्द खोज-खोज सरकार पर न सिर्फ झूठा आरोप मढ़ रहे हैं, बल्कि कोरोनाकाल में भी सियासत करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
पांडेय ने कहा कि पिछले दस दिनों में सूबे में कोरोना ने तेजी से पांव पसारा है। सरकार का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा कोरोना संदिग्धों की जांच कर उसकी पहचान की जाय। इसके लिए जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने से लेकर रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से सैंपल लिया जा रहा है, ताकि आधे घंटे में संक्रमण का पता चल सके। इस दिशा में केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य सरकार हर बिंदू पर काम कर रही है।
मंगल पांडेय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को कुछ दिखायी तो पड़ता नहीं है। वे सिर्फ कमरे में बंद होकर ट्वीट-ट्वीट खेलते हैं और जब इच्छा होती है तो चर्चा में बने रहने के लिए तथ्य से परे बयान देकर जनता को बरगलाते हैं। सकारात्मक विपक्ष की भूमिका नहीं निभा नेता प्रतिपक्ष संकट के कठिन दौर में भी अपनी राजनीति चमका रहे हैं, लेकिन सूबे की जनता उनकी हवाबाजी को हवा में ही उड़ाने का काम कर रही है।
पांडेय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष कहते हैं कि विधानसभा चुनाव के लिए समय अनुकुल नहीं है, लेकिन चुनाव को लेकर जितने चिंतित वे हैं शायद ही कोई पार्टियां होगी। उन्हें डर है कि आगामी चुनाव में उनका 2010 से भी बुरा हाला होने वाला है।
इसलिए चुनाव का विरोध कर अपना वोट बैंक बनाने में जुटे हैं। उन्हें मालूम होना चाहिए कि सूबे का मुखिया अदृश्य नहीं, वे खुद पूरे परिदृश्य से बाहर हैं। घोर विपदा के समय भी वे अपने दायित्वों से भाग रहे हैं। खुद संक्रमण के डर से घर में बंद हैं और दूसरों को नैतिकता का पाठ रहा रहे हैं। उनके लिए तो ट्वीट और बयानबाजी ही सब कुछ है।