बिहार चुनाव में हुई यशवंत सिन्हा की एंट्री, ऐसे बदलेंगे समीकरण
पटना: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में थर्ड फ्रंट की घोषणा की गई। थर्ड फ्रंट की घोषणा करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा। सिन्हा ने कहा कि जिंदगी में बिहारी होने की शर्मिंदगी कभी महसूस नहीं की लेकिन इस लॉकडाउन में उन्हें शर्मिंदगी हुई। क्योंकि आजादी के 72 साल बाद भी बिहार के लोगों को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। सिन्हा ने आगे कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी मुनाफाखोरी है, इसके सिवा कुछ नहीं।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि हमलोग मिलकर बिहार की प्रतिष्ठा वापस लाने का प्रयास करेंगे तथा बाकी की जिंदगी बिहार को उत्कृष्ट बनाने में लगाएंगे। उन्होंने कहा कि हमलोग बिहार में एक शक्ति पैदा करना चाहते हैं। बिहार को शक्ति केंद्र बनाना है इसके लिए हमलोग अथक प्रयास करेंगे।
वर्चुअल कैंपेनिंग को लेकर बात करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि वर्चुअल रैली की बात हमें समझ में नहीं आती है, क्योंकि ये खर्चीली व्यवस्था है। ये चीटिंग के अलावा कुछ नहीं है। इस व्यवस्था में 5 हजार लोगों से संपर्क करने पर 1 करोड़ लोगों के साथ संपर्क का दावा किया जाता है। इसलिए हमारी पारंपरिक प्रचार व्यवस्था ही बेहतर है। सिन्हा ने आगे कहा कि अगर वर्चुअल वाली व्यवस्था रही तो पूंजी वाले दलों को अपरोक्ष रूप से मदद मिलेगी। हमलोग चुनाव आयोग से अपील करेंगे कि वर्चुअल प्रचार को रोक कर पारंपरिक तरीक़े से प्रचार कराएं।
थर्ड फ्रंट के बारे में यशवंत सिन्हा ने कहा कि ये भविष्य तय करेगा कि हम पहले हैं दूसरे हैं या तीसरे। हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे। भविष्य का एजेंडा हम तय कर रहे हैं, उसे समय-समय पर मीडिया के सामने रखा जाएगा। हमारे संपर्क में बहुत लोग हैं भविष्य में बिहार की राजनीति में बहुत कुछ खेल होगा जिसे पूरा देश देखेगा। सिन्हा के साथ जहानाबाद के पूर्व सांसद अरूण कुमार, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह व नागमणि समेत कई नेता मौजूद रहे।सिन्हा के बिहार की राजनीति में एंट्री सभी राजनीतिक दलों के लिए आउट ऑफ सिलेबस जैसा हो गया है।