बिहार विस चुनाव की गेंद स्वास्थ्य विभाग के कोर्ट में ? कोरोना को लेकर चुनाव आयोग ने मांगी सलाह

0

सामुदायिक संक्रमण का खतरा, पालीगंज बना देश का उदाहरण

कोरोना को लेकर चुनाव की तिथि बढ़ भी सकती है। निरंतर बढ़ रहे कोरोना प्रकोप ने चुनाव आयोग को भी सोचने पर बाध्य कर दिया है। लेकिन, आयोग अपने माथे कुछ भी लेना नहीं चाहता। आजादी के बाद पहली बार चुनाव आयोग ने गेंद को स्वास्थ्य विभाग के पाले फेंकते हुए सलाह मांगी है कि क्या चुनाव निर्धारित समय पर किया जा सकता है।

दूसरी ओर प्रशासन की भूमिका मतदान के दिन महत्वपूर्ण हो जाएगा कि वह सोशल-डिस्टेस्ंिाग का सही पालन कराये। लिहाजा, प्रशासन के प्रमुख से भी सलाह मांगी है। पार्टिंयों ने चुनाव आयोग के साथ-साथ अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। पार्टियों की गतिविधियों पर चुनाव आयोग ने नजर रखनी शुरू कर दी है।

swatva

आयोग के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शत्र्त पर बताया कि बिहार में कोरोना का देश स्तर तक कम्यूनिटी संक्रमण का मामला पालीगंज में उभर कर आया है। चुनाव में भीड़ तो होगी ही। प्रशासन को भी पुलिस डयूटी में विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश का पालन केरना होगा।

बहरहाल, गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार ऐतिहासिक वर्चुअल रैली कर संकेत दे दिया है कि सामूहिक मानव रैली नहीं कर कोरोना काल में वर्चुअल की तरह ही चलेगी सब कुछ।

सूत्रों ने बताया कि आयोग अपनी मंशा में क्लीयर है। पर, कोरोना को देखते हुए कई विभागों से इसे समन्वय स्थापित करना होगा। इनमें स्वास्थ्य विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। एक अधिकारी ने तो जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य विभाग की झंडी निर्णायक होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here