डीपीएमयू के तर्ज पर बीपीएमयू कर्मियों को भी कार्यालय एवं आवास की सुविधा दी जाए

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पटना: बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के सचिव व अन्य पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री को अपनी मांगों के समर्थन में मांग पत्र सौंपा है। जिसमें कहा गया है कि संघ हमेशा अपनी मांगों से सरकार को अवगत कराते रही है।

संघ के सचिव ने कहा कि एनएचएम के माध्यम से कार्य करने वाले तमाम पदाधिकारी एवं कर्मी के लंबित मांगों को सरकार द्वारा अनसुना किया जा रहा है। जिसके कारण कर्मियों में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है। पूरे बिहार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रबंधन इकाई को समतुल्य लाभ लेने से वंचित रखा गया है इस संदर्भ में मुख्यमंत्री द्वारा भी घोषणा की गई थी। लेकिन, अभी तक इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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उन्होनें कहा कि कोविड-19 के अंतर्गत इन कर्मियों द्वारा किए गए कार्य सराहनीय रहा है। मांग पत्र के माध्यम से सभी संविदा कर्मी राज्य स्तर से लेकर उप केंद्र में कार्यरत कर्मियों को नियमित करने तथा सभी संविदा कर्मियों के मानदेय पुनरीक्षण लंबित है, उसे शीघ्र पुनरीक्षित करने तथा उपकेंद्र तक संविदा कर्मियों को अतिरिक्त प्रभार नहीं देने को कहा गया है।

एनएचएम के अंतर्गत चयन मुक्त सभी कर्मियों को शीघ्र वापस लेने, सेवा के दौरान किसी कर्मी की मृत्यु होने पर एक परिवार को नौकरी के साथ-साथ 25 लाख मुआवजा की राशि का भुगतान करने और डीपीएमयू के तर्ज पर बीपीएमयू कर्मियों को भी कार्यालय एवं आवास की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गई है।

सचिव ने बताया कि उक्त मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के तरफ से सकारात्मक संदेश मिला है।

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