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बिहार: यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर हो परीक्षाएं, राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को दिए आदेश

पटना: राज्यपाल फागू चौहान ने आज राजभवन से वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के जरिये बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना की शैक्षणिक गतिविधियों की समीक्षा की।

बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल-सह-कुलाधिपति फागू चौहान ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों का यह प्रयास होना चाहिए की ऑनलाइन इन्टरेक्टिव क्लासेज’ के जरिये यथासंभव पाठयक्रम पूरा करते हुए यू॰जी॰सी॰ के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी परीक्षाएँ आयोजित की जाए। सितम्बर-अक्टूबर, 2020 तक उनके परीक्षाफल भी घोषित किए जाएं।

राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष आयोजित होनेवाली परीक्षाओं को इस तरह पुनर्व्यवस्थित किया जाना चाहिए आगामी वर्ष का अकादमिक सेशन समय पर शुरू कर पाने में कोई कठिनाई नहीं हो।

राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया ऑनलाइन समय से पूरी करते हुए निबन्धन का कार्य भी ससमय हो जाना चाहिए।

ज्यादा सीटों पर नामांकन लेने पर होगी कार्रवाई

राज्यपाल ने कहा कि सभी महाविद्यालयों में यू॰जी॰ प्रथम वर्ष में निर्धारित सीटों से ज्यादा किसी भी परिस्थिति में नामांकन की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी महाविद्यालय में सीटों से ज्यादा नामांकन के मामले सामने आने पर संबंधित प्राचार्य पर कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।

राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को निदेशित किया कि जिन महाविद्यालयों को ‘कोरोना संक्रमण से बचाव के क्रम में ‘कोरोन्टाइन सेंटर’ बनाया गया है, उन्हें जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर ससमय सेनेटाईज करा दिया जाये ताकि वर्ग संचालन या परीक्षा आयोजन में कोई कठिनाई नहीं हो। राज्यपाल ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो इसके लिए विश्वविद्यालय/महाविद्यालय अपनी निधि का भी उपयोग कर सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए आवश्कतानुसार प्रतिदिन वर्ग अवधि बढ़ाने पर भी गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है। सभी कुलपतियों से मंतव्य लेकर इस दिशा में आगे कार्रवाई की जाएगी।

राज्यपाल ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन, प्रश्न-पत्रों के चयन तथा उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन आदि को लेकर राज्य के विश्वविद्यालयों में एकरूप व्यवस्था होनी चाहिए। राज्यपाल ने प्रधान सचिव को निदेशित किया कि इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपतियों की एक तीन सदस्यीय मंत्रणा समिति शीघ्र गठित कर दी जाये जो इस मामले में आवश्यक सुझाव दे सके।

राज्यपाल ने संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपतियों को निदेशित किया कि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के ‘नैक-मूल्यांकन’ के कार्य में तेजी लाये जाने की जरूरत है। राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने कहा कि इस संबंध में सभी कुलपति अपने स्तर पर भी आवश्यक कार्य करते रहें।

समीक्षा बैठक के दौरान यह तथ्य सामने आया कि सहायक प्राध्यापकों की रिक्तियों की सूची आयुक्त कार्यालय से ‘रोस्टर क्लीयरेंस’ कराते हुए शिक्षा विभाग को प्रेषित करने में मगध विश्वविद्यालय ने तत्परता बरती है, परन्तु बी॰आर॰ बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने अबतक ‘रोस्टर क्लीयरेंस’ कराते हुए शिक्षा विभाग को उक्त सूची नहीं भेजी है। राज्यपाल ने रिक्ति-सूची शीघ्र शिक्षा विभाग को भेज देने का निर्देश संबंधित कुलपतियों को प्रदान किया।

बैठक में राज्यपाल ने कहा कि ऑनलाइन टीचिंग के संदर्भ में समुचित व्यवस्था बहाल करने के लिए यदि आवश्यक हो तो एक अध्ययन-दल अन्य राज्य के किसी उत्कृष्ट विश्वविद्यालय में भेजा जाए ताकि अध्ययन-दल की रिपोर्ट के आलोक में बिहार राज्य के विश्वविद्यालयों में भी ऑनलाइन शिक्षा की गुणवत्ता में समुचित सुधार हो सके। राज्यपाल ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा एवं कक्षाओं में अध्यापन व्यवस्था, समानान्तर चलाना वर्तमान समय की जरूरत बन गई है।

बैठक में कुलपतियों को कहा कि वे ‘ऑनलाइन लेक्चर्स’ को अपनी वेबसाईट पर भी अपलोड करें ताकि दूसरे विश्वविद्यालय भी गुणवत्तापूर्ण व्याख्यानों से अपने विद्यार्थियों को लाभान्वित करा सकें।

बैठक में सभी संबंधित कुलपतियों को निदेशित किया गया कि वे अपने विश्वविद्यालय में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग की स्थायी व्यवस्था तैयार कराने का काम करें। ताकि विश्वविद्यालयों की वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग से समीक्षा में सहूलियत हो।