पलटीमारी से कबतक चलेगा काम? नीतीश की सियासत के हेडमास्टर हैं लालू

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नयी दिल्ली/पटना: बिहार में नीतीश कुमार के सीएम पद से इस्तीफे का लेटर राज्यपाल को सौंपने के बाद भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने बड़ा कटाक्ष किया। भाजपा से रिश्ते तोड़ने और पलटी मारकर फिर राजद संग सरकार बनाने के नीतीश के ऐलान पर उन्होंने कहा कि क्या पलटीमारी कर कोई देश का पीएम बन सकता है? सीएम बन सकता है?

पलटमारी से कोई पीएम/सीएम बनता है: गिरिराज

गिरिराज सिंह ने कहा कि भाजपा ने अपना गठबंधन धर्म निभाया। अगर नीतीश कुमार अलग हो रहे हैं तो यह उनका अपना फैसला है। आगे अब कौन पूछेगा। पलटीमारी एक बार, दो बार, तीन बार, चार बार चल सकती है। लेकिन फिर आगे..। 2017 में राजद को क्यों छोड़ा था। 2014 में भाजपा से क्यों अलग हुए थे। अब अगली पलटीमारी फिर कब करने का प्लान है।

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सियासी ट्रैक उजागर, 4 बार पलटमारी

जाहिर है भाजपा का गुस्सा सातवें आसमान पर है। लेकिन अगर नीतीश का सियासी ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो कहानी इससे कुछ जुदा भी नहीं। नीतीश कुमार शुरू में राजद के साथ लालू मंत्रिमंडल में थे। लेकिन पलटी मारकर वे उनसे अलग हो गए और भाजपा के साथ मिलकर लंबे सियासी संग्राम के बाद 2003 में पहली बार 14 दिनों के लिए सीएम बने। फिर 2005 में वे भाजपा के साथ मिलकर पहली बार फुल टर्म सीएम बने और तब से आज तक वे लगातार मुख्यमंत्री बनते रहे।

लालू-मोदी के सामने खुली नीतीश के रियल जनाधार की पोल

पलटीमारी का खेल लालू से शुरू कर उन्होंने लंबे समय तक नीतीश अपना ईमेज चमकाते रहे। फिर दूसरी बार उन्होंने 2014 में पलटी मारी और एनडीए से अलग हो राजद का हाथ पकड़। मगर 2017 में फिर वे पलटी मार गए और पुनः एनडीए के साथ सीएम पद बने रहे। अब 2022 में फिर वही कारनामा। लेकिन क्या इतनी पलटीमारी से उनका चरित्र एक्सपोज नहीं हो गया। वहां राजद उन्हें अपने पुराने दर्द से बार-बार रूबरू कराएगी क्योंकि वहां लालू जी हैं जो नीतीश की नस-नस से वाकिफ हैं।

 

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