कब है होलिका दहन और कब मनेगी रंगों वाली होली? पटनदेवी के ज्योतिषाचार्य ने दूर किये सारे भ्रम

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पटना : बिहार-यूपी समेत तमाम उत्तर भारत में होली का त्योहार एक उमंग और उत्सव की तरह मनाया जाता है। लेकिन इस बार पूर्णिमा तिथि के दिन देर रात तक भद्राकाल रहने के कारण लोगों में कन्फ्यूजन है कि होलिका दहन कब करें। हिंदू पंचांग के अनुसार, होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन के साथ शुरू होता है। और इसके अगले दिन पूर्णिमा की तिथि समाप्त होने के बाद प्रतिपदा तिथि में रांगों की होली खेली जाती है। इस बार जहां 17 को भद्रा देर रात समाप्त हो रहा है, वहीं प्रतिपदा 18 को दोपहर में शुरू हो रही है। इसलिए लोग इसबार रंगों की होली 18 और 19 दोनों दिन खेलेंगे। आइए इस बारे क्या कहता है हमारा ज्योतिष, इसे जानते हैं।

होलिका दहन कब, बता रहे ज्योतिषाचार्य

बड़ी पटनदेवी के ज्योतिषाचार्य रामेश्वर पांडेय ने बताया कि होलिका दहन भद्राकाल में नहीं होता है। भद्रामुक्त पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन किया जाता है क्योंकि हिंदू धर्म में भद्रा को अशुभ माना जाता है। इस बार पूर्णिमा तिथि 17 मार्च दोपहर 1.29 से शुरू होकर 18 की दोपहर 12.52 तक रहेगी। यानी भद्राकाल 17 को दोपहर डेढ़ बजे से शुरू होकर देर रात 12.57 तक रहेगा। मतलब साफ है कि रात 12.57 के बाद ही होलिका दहन संभव हो सकेगा। होलिका दहन के लिए 12 बजकर 58 मिनट से रात 2.12 तक सर्वोत्तम मुहूर्त है।

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18 या 19 किस दिन मनेगी रांगों की होली?

पंडित रामेश्वर पांडेय के अनुसार इस बार पूर्णिमा तिथि 17 को डेढ़ बजे से शुरू होकर 18 की दोपहर 12.52 तक रहेगी। इसके बाद प्रतिपदा तिथि शुरू होगी। प्रतिपदा 19 को दोपहर 12.13 तक रहेगी। यही कारण है कि कुछ लोग रंगों वाली होली के लिए 18 मार्च को शुभ मान रहे, जबकि कुछ लोग उदया तिथि के हिसाब से 19 मार्च को रंगों की होली खेलेंगे। ऐसे में ज्योतिषाचार्य पांडेय ने बताया कि 18 और 19 दोनों दिन रंग वाली होली खेली जाएगी।

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