हाईटेक युग में भी बैलगाङी से पीएचसी लाई जा रही प्रसव वाली महिलाएं
नवादा : बिहार में नवादा के उग्रवाद प्रभावित गोविन्दपुर प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एम्बुलेंस के अभाव में आज भी मरीजों को लाने के लिए बैलगाड़ी का प्रयोग करना पड़ रहा है। युग तो आज का हाईटेक हो गया है, लेकिन सुदूर इलाके अभी भी पुरातन युग में ही हैं। ऐसे में यदि किसी महिला को प्रसव पीड़ा उठने लगे तो परिजनों की चिंता और बढ़ जाती है। एम्बुलेंस या किसी अन्य उपयुक्त साधन के अभाव में लोग बैलगाङी से प्रसव वाली महिलाओं को अस्पताल लाने को मजबूर हैं। कुछ ऐसा ही नजारा जब सामने आया तो उसे कैमरे में कैद कर लिया गया। ऐसा इसलिए कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलती।
बताया जाता है कि सरकंडा गांव की महिला सोनी देवी को प्रसव पीड़ा के बाद सूचना आशा कार्यकर्ता मीना देवी को उपलब्ध करा परिजनों ने एम्बुलेंस की मांग की। काफी देर बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से एम्बुलेंस के खराब होने की सूचना के बाद परिजनों ने बैलगाङी की व्यवस्था की। लिहाजा प्रसव पीड़ा से त्रस्त महिला को बैलगाङी से किसी प्रकार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। और तो और वापसी के क्रम में भी एम्बुलेंस सुविधा न मिलने के कारण बैलगाङी से ही वापसी का सफर भी तय करना पड़ा। यह हाल तब है जब गांव—गांव सङक की सुविधा के साथ अस्पताल में एम्बुलेंस की सुविधा सरकार ने उपलब्ध करा रखी है। यही कारण है कि क्षेत्र में उग्रवाद पनप रहा है। आश्चर्य तो यह कि इस बाबत कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है। स्वास्थ्य कर्मी कहते हैं एम्बुलेंस खराब रहने व वैकल्पिक व्यवस्था न रहने के कारण ऐसा हुआ है।
बहरहाल मामला चाहे जो हो लेकिन व्यवस्था पर तो प्रश्नचिन्ह खङा हो ही गया जिसका जबाब किसी के पास नहीं है।
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