पटना : पटना हाईकोर्ट ने राजस्व विभाग के प्रधान सचिव से चार सप्ताह में पटना स्थित वेटनरी कॉलेज को सरकार द्वारा दी गयी जमीन ब्योरा तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार बतावे कि इस जमीन का कितना हिस्सा कॉलेज के पास बचा है, कितनी जमीन सरकार ने कौटिल्य नगर के नाम पर आवंटित किया है और कितने जमीन का अतिक्रमण कर लिया गया है।
अतिक्रमण का मामला, सरकार नहीं दे पा रही जवाब
मुख्य न्यायाधीश एपी शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा द्वारा वेटनरी कॉलेज की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए दायर पीआईएल पर सुनवाई में यह निर्देश दिया। सरकार द्वारा इस मामले में दायर सभी शपथ पत्र को अस्वीकार करते हुए कोर्ट ने नए सिरे से विस्तृत हलफनामा देने का निर्देश राजस्व विभाग के प्रधान सचिव को दिया।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वेटनरी कॉलेज के लिए 758 एकड़ जमीन अधिग्रहित हुई थी। इस जमीन में से विश्वविद्यालय प्रशासन के पास अभी मात्र 98 एकड़ जमीन ही बची है। शेष भूमि या तो आवंटित नही हुई, या अवैध अतिक्रमण में है। कॉलेज के नाम पर आवंटित इस ज़मीन के लीज का धड़ल्ले से उल्लंघन किया गया। 10 अप्रैल 1986 को कौटिल्य नगर बनाकर राज्य सरकार ने एमपी /एमएलए को इस जमीन में से 20 एकड़ जमीन को आवास बनाने के लिये लीज पर दे दिया। यह लीज भी 2016 से ही समाप्त हो चुका है। उसी आवंटित ज़मीन पर कौटिल्य नगर बसा दिया गया। इस मामले में सरकार कोर्ट को स्पष्ट जवाब नही दे पा रही है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद निर्धारित करते हुए इस जमीन की पूरी जानकारी मांगी है।