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हार के सदमे में दार्शनिक बने मांझी, हेराफेरी की जतायी आशंका

पटना : मोदी सुनामी से मिली एनडीए को प्रचंड जीत से हतप्रभ बिहार का विपक्ष एक दिन तक तो खामोश रहा लेकिन परिणाम आने के 24 घंटो बाद उसकी कुलबुलाहट फिर शुरू हो गयी। पूर्व सीएम और गया से महागठबंधन के साझीदार हम के प्रत्याशी जीतनराम मांझी ने हाल के लोकसभा चुनावों में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए अपनी भड़ास निकाली। नतीजे आने के बाद 24 घंटों तक सदमे में रहे श्री मांझी ने आज शनिवार को राजधानी में प्रेस कान्फ्रेंस कर अपनी चुप्पी तोड़ी।
श्री मांझी ने महागठबंधन की हार पर बिल्कुल ही दार्शनिक अंदाज में कल्पनाशीलता का परिचय देते हुए मीडिया से कहा कि मैच फिक्सिंग की भांति चुनावी नतीजे भी फिक्स थे। बिहार में महागठबंधन को केवल एक सीट पर ही जीत मिली। 40 में से एनडीए को 39 सीटें मिलना साबित करता है कि यहां जमकर धांधली हुई है। हालांकि श्री मांझी ने यह कबूला कि बिहार में महागठबंधन की हार से सभी घटक दल सदमे में हैं। चुनाव परिणाम अप्रत्याशित रहा जो मैच फिक्सिंग की तरह रिजल्ट फिक्सिंग का संकेत करता है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की बात सही है, लेकिन इस तरहा का चुनाव परिणाम आना जांच का विषय है।
जीतनराम मांझी ने एनडीए के नेता और प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा तथा कहा कि सरकार ने सेना की चुनावी मार्केटिंग की। राष्ट्रवाद और सर्जिकल स्ट्राइक को भुनाया गया। विपक्ष राष्ट्रवाद की बात को संभाल नहीं पाया। इंदिरा गांधी के समय में भी पराक्रम की ऐसी मार्केटिंग नहीं हुई थी। मांझी यहीं नहीं रुके, उन्होंने पुलवामा आतंकवादी हमले पर भी संदेह जताया और कहा कि पुलवामा की घटना कैसे हुई इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने 44 जवानों की शहादत पर राजनीति की है। श्री मांझी ने तेजस्वी का भी बचाव किया और कहा कि मौजूदा हार सिर्फ उनकी जिम्मेदारी नहीं है। सबको मिलकर जिम्मेदारी लेनी चाहिए।