Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured Trending पटना बिहार अपडेट

ज्ञान परंपरा की व्यावहारिक अभिव्यक्ति सफलता का मूलमंत्र : डीएन गौतम

पटना : बिहार के पूर्व डीजीपी डीएन गौतम सोमवार को छात्रों के बीच मेंटर की भूमिका में दिखे। पटना के कालेज आफ कामर्स आर्ट्स एण्ड सायंस में वे इंदू शेखर झा स्मृति व्याख्यानमाला में ‘सर्थक जीवन’ विषय पर चतुर्थ व्याख्यान दे रहे थे। योगवशिष्ठ एवं गीता जैसे भारतीय ज्ञान परंपरा के आधार पर उन्होंने मानव जीवन और मनुष्य के पुरूषार्थ की व्यावहारिक व्याख्या की। ऐसी व्याख्या, जिसे अपने व्यवहार में उतार कर कोई विद्यार्थी अपने जीवन को संवार सकता है। उन्होंने कहा कि श्री राम की हम पूजा करते हैं लेकिन उनके जीवन के व्यावहारिक पक्ष को यदि एक छात्र अपनाए तो उसका सर्वांंगीण विकास होगा, इसमें कोई संदेह नहीं।
श्री गौतम ने कहा कि राम के जीवन व उनके अंदर में ज्ञान के प्रस्फुटन पर आधारित योगवशिष्ठ भाग्यवाद को अस्वीकृत करता है। उसी प्रकार श्रीकृष्ण की गीता हमें अपने अंदर की ऊर्जा और ज्ञान ज्योति को प्रस्फुटित करने का व्यावहारिक ज्ञान देता है। उन्होंने कहा कि आज भारत के समक्ष स्मृति लोप और स्मृति विभ्रम का संकट आ गया है। यदि हम इस संकट के समाधान की दिशा में आगे नहीं बढ़ते हैं तो इससे अपूरणीय क्षति होगी। यांत्रिकीकरण के जकड़न में फंसने के कारण वर्तमान भारत स्मृति लोप का शिकार हो रहा है।
श्री गौतम ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए ध्यान योग को अपनाना होगा। छात्रों को अपनी जीवनशैली में बदलाव लानी होगी। जीवन में पुरूषार्थ का महत्व है। समय को जीवन का मुद्रा बताते हुए उन्होंने कहा कि जो समय का सदुपयोग करता है वही जीवन के संघर्ष में आगे बढ़ता जाता है। हमारा मन नैतिकता को स्वीकार नहीं करता। इसलिए जो हम स्वप्न देखते हैं, उसकी ईमानदारी से समीक्षा करें। इससे हमें अपनी गलतियों को समझने का मार्ग प्रशस्त होता है। उस्ताद बिस्मिल्ला खां और रानू मंडल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पूरे मन से अपना काम करते रहो, परिणाम अनुकूल होगा। उन्होंने कहा कि आज जो करना हे उसे आज ही कर डालें, छात्रों को इस प्रकार की मानसिकता बनानी चाहिए। इसे कड़ाई से लागू करने का अनुशासन भी स्वयं पर कठोरता से लागू करें। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों का भी जवाब दिया। कालेज के प्राचार्य डा. तपन शांडिल्य ने उनका स्वागत किया। वहीं प्रो जयमंगल देव ने इस विषय पर कालेज के शिक्षकों के लिए कार्यशाला का प्रस्ताव रखा। डीएन गौतम ने कालेज में आयोजित खेल महोत्सव का भी उद्घाटन किया।