गुरू-शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति का अहम व पवित्र हिस्सा

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पटना : कालेज आफॅ कामर्स आर्ट्स एण्ड साइंस पटना में गुरुवार को स्थापना सह शिक्षक दिवस के अवसर पर पांचवें पंडित इंदू शेखर झा स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो शशि शेखर तिवारी ने छात्रों को नैतिक शिक्षा दिए  जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गुरू-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है जिसके कई स्वर्णिम उदाहरण इतिहास में दर्ज हैं। उन्होंने छात्रों को अपने गरू के प्रति श्रद्धा रखने की सलाह दी तथा शिक्षकों से छात्रों के चरित्र निर्माण पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया।

अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रधानाचार्य प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि सर्वपल्ली राधा कृष्णन विवेकानंद, महात्मा बुद्ध और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के विचारों से काफी प्रभावित थे इसलिए उन्होंने शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक उस माली के समान है जो बगीचे को अलग अलग रूप-रंग के फूलों से सजाता है।

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कार्यक्रम को शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. एके नाग, महासचिव प्रो. एके भास्कर ने भी संबोधित किया। मंच का संचालन प्रो. मंगला रानी तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. जय मंगल देव ने किया। इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा प्रो. उमेश प्रसाद, प्रो. शिव कुमार यादव, प्रो. केबी पद्मदेव, प्रो. मुनव्वर फ़ज़ल, प्रो. मनोज कुमार, प्रो. ख़ालिद अहमद, प्रो. सलोनी कुमार, प्रो. कीर्ति, प्रो.कृष्ण नन्दन यादव, प्रो. केपी यादव, प्रो. जय प्रकाश और प्रो. संतोष कुमार समेत बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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